||आयोग ने लिया संज्ञान: होगा भटवाड़ी का पुनर्वास||
साल 2010 और 2013 में सीमान्त जिले उत्तरकाशी के भटवाड़ी गांव को आपदा ने छिन-भिन्न कर दिया। यहां तक कि आपदाग्रस्त लोग अब तक भी नहीं उभर पाये हैं। लोग तब से पुनर्वास और विस्थापन की मांग कर रहे है। अभी हाल ही में यह मामला जब राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की बेंच तक पंहुचा तो भटवाड़ी के ग्रामिणो ने राहत की सांस ली है।
ज्ञात हो कि राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के निर्देश पर भटवाड़ी गांव का विस्थापन शीघ्र होगा। विस्थापन को लेकर गांव के परसोत्तम लाल ने पिछले वर्ष उत्तरकाशी क्षेत्र भ्रमण पर आई राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग की सदस्य डा॰ स्वराज विद्वान को बताई थी कि वे गांव का पुनर्वास चाहते हैं। जिस पर आयोग ने तत्काल संज्ञान लिया और समय समय पर शासन से उच्च अधिकारियों को विस्थापन से सम्बन्धित सुनवाई में दिल्ली बुलवाया।
फरवरी के पहले सप्ताह राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने भटवाडी एवं बडेथी, चिन्याली सौड से संबधित विस्थापन की सुनवायी की और उत्तराखण्ड शासन को इन गांवो के विस्थापन को कहा। इस सुनवाई में उतरकाशी जनपद व जलविधुत निगम एवं समाजकल्याण विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया था। बताया गया कि पुनर्वास के लिए भटवाडी विस्थापितों को जल विद्युत निगम की जमीन दी जानी थी। सो जल विद्युत निगम के जीएम एवं सचिवालय आपदा प्रबंधन से आए श्री बेलवाल एवं एसडीएम उत्तरकाशी ने आयोग के समक्ष बताया कि आयोग द्वारा पिछली सुनवाई में दिए गये आदेश के अनुसार जल विद्युत निगम और शासन के बीच विस्थापितों को भूमि देने की मंजूरी की सभी प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है।
सुनवाई के दौरान डा॰ स्वराज विद्वान सदस्य राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने मुख्य सचिव उत्तराखंड को निर्देश दिए कि भटवाड़ी विस्थापन की सभी प्रक्रियाएं तत्काल पूर्ण कर एक माह के भीतर पुनर्वास की पहली सूची जारी की जाये। सुनवाई में उपस्थित अधिकारियों ने एक माह के भीतर विस्थापितों की सूची एवं प्रथम किस्त भुगतान करने का पूर्ण आश्वासन दिया।