आपदा का मंजर: स्कूल की शिक्षिका व उनकी बेटी भी लापता

||आपदा का मंजर: स्कूल की शिक्षिका व उनकी बेटी भी लापता||



सीमान्त जनपद उत्तरकाशी के मोरी ब्लाक के आराकोट में बादल फटने से कईयो लोग हताहत है। जिलाधिकारी आशीष चैहान ने जिला प्रशासन की आपात बैठक ली है। अधिकारियो को मुख्यालय से आपदा क्षेत्र में फौरी तौर पर रवाना किया गया है।


उत्तरकाशी के मोरी में बादल फटने से कई लोगों के मलबे में दबे होने और लापता होने की सूचना आई है। अर्द्धरात्री में भारी बारिश के चलते गाड़-गधेरे उफान पर हैं। माकुड़ी, टिकोची, आराकोट सर्वाधिक प्रभावित बताये जा रहे हैं। आराकोट में 3 व्यक्ति व 1 मकान बहने की सूचना है। टिकोची में 4-5 लोग व कुछ गाड़ियां बहने की सूचना है। माकुड़ी में 2 लोग लापता हैं। मार्ग भी बहुत जगह बन्द है। स्थानीय निवासी प्रवीण रावत द्वारा बताया गया कि टिकोची में 10 -15 मकान बह गए है। जनहानि नहीं है। माकुड़ी में एक मकान दबा है व  02 व्यक्ति लापता हैं, आराकोट में 7 -8 मकान बह गए है व 03 लोग भी बह गए है।


इसके अलावा ग्राम पंचायत मौण्डा, खकवाड़ी तथा ग्राम चिवां व ग्राम गोकुल ग्राम माकुड़ी में 5 से 7 लोग मलवे में दबने की खबर भी हैं तथा कुछ का पता नही चल पा रहा है, टिकोची बाजार में बादल फटने से पूरा बाजार टिकोची भूस्खलन की चपेट में आ गया है। वहां पर खड़ी सभी गाड़ियां भी पानी में बह गई है। यहां लोगो और कई खच्चरों व अन्य जानवरों की बहने की भी खबर है। खबर लिखने तक सही सही सूचना प्राप्त नही हुई है।बता दें कि जिले मे पिछले 72 घंटों से रूक- रूक कर हो रही बारिश से मोरी के आराकोट, डगोली, माकुड़ी गांव में नाले उफान पर हैं। इसके चलते जिला मुख्यालय से भी लोगो का संपर्क टूटा चुका हैं।


मोरी बाल्क के बंगाण क्षेत्र में माकुड़ी व त्यूणी क्षेत्र में बादल फटने (अतिवृष्टि) से भारी जान माल व भारी जन-धन की हानि हुई है। इधर जिलाधिकारी उत्तरकाशी ने दुःख व्यक्त किया है। कहा कि इस दुःखद घड़ी में इस दैवीय आपदा से हताहत हुए परिवारों, जिन्होंने अपनों को खोया है, उनके प्रति उनकी संवेदनायें पीड़ित और प्रभावित परिवारों के साथ है। स्थानीय लोग भी ईष्टदेव और जाग माता से उन सभी परिवारों के दुःख को सहन करने, कम करने की शक्ति की प्रार्थना कर रहे है। 
क्षेत्र के बरसाती नालों में भारी उफान आने के बाद कई घरों पर खतरा मंडराने लगा है। वहीं  सेब के बगीचों को भी भारी नुकसान पहुंचने की खबर हैं। लोगों ने नदी नालो के उफान को देखते हुए अपने घरों को छोड़कर सुरक्षित जगहों पर शरण ली है।


इधर जिलाधिकारी डा. आशीष चैहान ने अधिकारियों की  आपात बैठक ली। मोरी क्षेत्र मे हुई तबाही से निपटने के लिये एसडीआरएफ, राजस्व टीम को मौके के पर पहुंच गई है। लोगों के खेत पूरी तरह बर्बाद हो गए हैं। त्यूणी बाजार में भारी उफाने के कारण नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है। जिससे बाजार को खतरा हो गया है। हिमाचल में भारी बारिश के कारण भी हिमाचल से लगे क्षेत्रों की नदियों और नालों को जलस्तर काफी बढ़ गया है। जिससे लोग दहशत में हैं। जिला मुख्यालय में भी बारिश के कारण भूस्खलन हो रहा है।


हालत इस कदर हैं कि गंगोत्री राज मार्ग बडेथी, व मनेरा से बंद होने के चलते उत्तरकाशी का शेष भारत से संपर्क टूट गया। गंगोत्री- यमुनोत्री राजमार्ग पूरे तरह से बंद पडे हैं, दोनों तरफ से दर्जनों गाड़ियां फंसी हैं। उत्तरकाशी के माकुड़ी गांव का जिले से संपर्क कटा हुआ है। यह गांव हिमंाचल की सीमा से लगा है। हिमांचल प्रदेश सरकार से उत्तराखंड के अधिकारियों ने बात की है। माकुड़ी गांव को जिले से जोड़ने वाला पुल पर आवाजाही एकदम बन्द हो गई है। आपदा प्रबंधन सचिव एसए मुरुगेशन ने उत्तरकाशी, चमोली के हालात पर मोर्चा संभाल रखा है।