जन्म मेरा ऋषिकेश, गांव मेरा बंदासा


||मेरा जन्म ऋषिकेश में हुआ, हूं मैं गढवाल के बंदासा गांव का ||


_ पंचोली जी इसे पोस्ट कर देना -


कलाकार राजेश चन्द्र ने लिखा है कि उनका यह आलेख छाप देना। हमें लगा कि क्यों न उन्ही की भाषा में और उन्ही के द्वारा जो लिखा गया है उसी को पाठको के सामने प्रस्तुत किया जाये। हमने अक्षरशः उन्ही का लिखा यहां प्रस्तुत किया है।राजेश चन्द्र जैसे कलाकार हमारे प्रदेश का नाम रोशन कर रहे है।



मेरा जन्म ऋषिकेश में हुआ लेकिन मूल रूप से मैं श्रीनगर गड़वाल से ऊपर बसे बंदासा गांव का रहने वाला हूं| मेरे पिताजी का नाम श्री शोभन कुमार है व माता जी का नाम श्रीमती विजयलक्ष्मी है। अभी मिनर्वा कॉलेज देहरादून से बेचलर ऑफ फाइन आर्ट्स की पढ़ाई कर रहा हूँ पेंटिंग्स से । मैंने मुख्यता अपने पेंटिंग के माध्यम से उतराखण्ड की संस्कृति को दर्शाया है । मेरे कला जीवन की शुरुआत अपनी मौसी श्रीमती सुमन नैथानी जी के बनाई फैब्रिक पेंटिंग्स को देख कर हुई। बचपन मे देखे मौसी के बनाये फैब्रिक के फूल मेरे मन मे ऐसे बस गए कि मेंने पेंटिंग्स में ही डूब जाना बेहतर समझा ।


फिर बचपन मे जब  निर्मल आश्रम ज्ञान दान अकादमी स्कूल में मेरा  एडमिशन हुआ जहा मुफ्त मे शिक्षा का दान किया जाता है ।परम् श्रधेय महंत राम सिंह जी महाराज जी और सन्त जोध सिंह महाराज जी के वजह से ही शिक्षा का दान पाया वहां  स्कूल में हर हफ्ते रचनात्मक प्रतियोगिता की जाती थी ।उन्ही में भाग लेने की वजह से मुझे कलाकारी का मे और रूचि होने लगी व अपने कला गुरु श्रीमती उपासना सरकार की शिक्षा में  अपनी कला को निखारा व कई प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पाया ।उन्ही के कारण फिर कला क्षेत्र में ही अपना केरियर बनाने की सोची ओर बेचलर ऑफ फाइन आर्ट्स के लिए देहरादुन मिनेर्वा कॉलेज में एडमिशन लिया व प्रथम वर्ष से ही मेने पेंटिंग्स में पोर्ट्रेट बनाना तैल  चित्रण करना जलरंग करना आदि सीखा।व तब मेरे मन मे एक अलख जगी की हर कलाकार ने अपनी संस्कृति को पेंटिंग के माध्यम से दिखाया है तो हम क्यों न अपने गड़वाल की चित्रकारी कर उसे दुनिया तक पहुचाए । तो हमे कॉलेज के तरफ से हरिद्वार रेलवे स्टेशन के सौन्दर्यकरण प्रोग्राम में भेज गया व हुमजे अपने कलाकारी से हरिद्वार रेलवे स्टेशन की सीढ़ियों पर 3d पेंटिंग्स करी, उसके साथ ही मेने अपनी टीम के साथ उत्तरकाशी के वरुणावत पर्वत के नीचे बनी बड़ी से बाउंडरी वाल पर उतराखण्ड की संस्कृति व चार धाम के चित्रण किया जो कि नमामि गंगे परियोजना के अंतर्गत हमने मुफ्त में किया ।



फिर इसी तरह मैंने गड़वाल की सभ्यता को देहरादून के रेलवे स्टेशन पर भी दिखाया| उत्तरप्रदेश सहारनपुर पुलिस लाइन में हमने आई पी एस बबलू कुमार जी के प्रस्ताव पर सौन्दर्यकरण किया, जिसके लिए वहाँ के आई पी एस व डी एम साहब ने सम्मनित किया। मध्य प्रदेश के जबलपुर स्ट्रीट आर्ट फेस्टिवल  में हिस्सा लेकर मैंने वहाँ भी पहाड़ी कला को बनाया जिसके लिए मुझे कुछ टीवी चैनल पर भी दिखाया गया व रेडिओ में भी इंटरव्यू हुआ व भारत के सम्मानित पदम् भूषण कलाकार जतिन दास जी ने मुझे सम्मानित किया| 


माननिय मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जी ने भी मुझे क्लॉक के प्रति किये गए योगदान के लिए सम्मानित किया व मेने उन्हें पोर्ट्रेट बना के भेंट किया । पदम् भूषण बछेंद्री पाल जी को भी मेने ऋषिकेश आगमन पे पोर्ट्रेट भेंट किया है व उन्हीने भी मुझे आशीर्वाद दिया साथ मे भूतपूर्व मुख्यमन्त्री निशंक जी ने भी मुझे वही आशीर्वाद प्रदान किया| हमारे विधानसभा अद्यक्ष श्री प्रेमचंद्र अग्रवाल जी ने भी मुझे सम्मानित किया व मैंने उन्हें भी पोर्ट्रेट पेंटिंग बना कर गिफ्ट किया| नागालैंड के राज्यपाल सम्मानीय पद्मनाभ भटाचार्य जी सत्य मुझे लोक संस्कृति की हुनरी गढ़वाली फ़िल्म बौडीगी गंगा देखने का सुनहरा अवसर मिला व उनका आशीर्वाद भी मुझे प्राप्त हुआ व उन्हहोने मेरे अपने संस्कृति के प्रति प्रेम के लिए बहुत सरहाना की| 


पेंटिंग से लोक संस्कृति दिखाने के साथ साथ मेने सामाजिक पेंटिंग्स बना कर जग में संदेश देने की कोसिस की है| हमारे पूजनीय मंदिर कुंजापुरी के मुख्य द्वार पे बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की चित्रकारी करी व जिसके लिए मुझे बॉम्बे हाईकोर्ट की जज साहिब अनुजा प्रभुदेसाई जी ने सम्मानित किया व विन्देश्वरी मंदिर के मुख्य द्वार पर भी पेंटिंग करि यह मेरी पहल है कि हम हर मन्दिर के द्वार पर बेटी बचाओ पेंटिंग वनाये क्योंकि जहा लोग देवी रूप में उन्हें मन्दिरो में पूजते हैं वही उन्हें बेटी रूप में उन्हें कोख में ही मार देते है।



पेंटिंग  के करियर के साथ साथ मेरा रुचि पर्यवरण के प्रति भी लगाव है  मेरी बनायी एक पेंटिंग जो कि प्पर्यवारण पर बनी है वह हिंदी मैगज़ीन सुदर्शनिक के कवर पेज पर भी छपी व हमारी टीम बीइंग भगीरथ हर रविवार गंगा सफाई का कार्य करती है  व गंगा सफाई के साथ साथ मे ऋषिकेश में फ्री स्केटचिंग क्लास भी दे रहा हु त्रिवेणी घाट पे ।साथ ही हमने गङ्गा बचाओ के संदेश देती पेंटिंग सारे हरिद्वार में बनाई जिसके लिए मुझे केंद्र सरकार के शो रग रग में गंगा में जगह मिली जिसके एपिसोड 6 और 7 में मुझे बोलीवूड एक्टर राजीव खण्डेलवाल जी के साथ दिखाया गया व मैने उन्है भी गंगा बचाओ के संदेश की पेंटिंग भेंट करि। उसके बाद मेंने गांव बंदासा जा कर गांव की फोटोग्राफी करि कुछ व उनसे प्रेणा लेकर स्कूल की वॉल्स पर चार धाम व उत्तराखंड की संस्कृति पर चित्रकारी करि जिसे कई न्यूज पोर्टल्स में दिखाया गया । व मुझे और भी कई स्कूल ने ये चित्रकारी उनके स्कूल में करने के प्रस्ताव दिए| आने वाले कुछ समय मे में मंदिरों के साथ स्कूल्स में यही पेंटिंग्स कर ज्यादा से ज्यादा बचों  को हमारी गड़वाल की संस्कृति से जोड़ सके|