||भंकोली जिला पंचायत वार्ड में कुनबावाद||
सीमान्त जनपद उत्तरकाशी की भंकोली जिला पंचायत वार्ड ऐसा निर्वाचन क्षेत्र है, जहां वर्तमान में भाजपा से जुड़े उम्मीदवार आपस में ही टकरा रहे हैं। टकराहट इतनी गहरी है कि अब वे इस वार्ड से अपनी जीत पक्की करना चाह रहे हैं। बता दें कि मौजूदा समय में हरिद्वार को छोड़कर बाकि उत्तराखण्ड में पंचायत के चुनाव हो रहे है। अतएव भंकोली जिला पंचायत सीट जिले में सर्वाधिक चर्चा में हैं, क्योंकि यहां भाजपा के ही साथी आपस में टकरा गये हैं।
खैर! बात करते हैं चुनाव में उन उम्मीदवारो की जो यहां अपनी अपनी बैतरणी इस चुनावी समर में पार लगाना चाहते है, और यहां जोरआजमाईश चालू है। भंकोली जिला पंचायत सीट पर अपनी जीत पक्की बताने वाले जगत सिंह चैहान भंकोली गांव के ही है और इस निर्वाचन क्षेत्र में भंकोली गांव में सर्वाधिक ''वोटबैंक'' भी है। श्री चैहान भाजपा के कद्दावार नेता है। वे प्रदेश स्तर पर अच्छी खासी दखल रखते हैं, मगर क्षेत्र में इनकी दखल कोई गुल नहीं खिला पा रही है। ऐसा भी नहीं है, वे पूर्व में भी इसी क्षेत्र से जिला पंचायत का प्रतिनिधित्व कर चुके है। वे अधिवक्ता हैं और संवैधानिक प्रक्रियाओ का उन्हे अच्छा खासा अनुभव है। जबकि वे भंकोली गांव से हैं तो वहां सर्वाधिक मतो का होना उनके लिए हितकारी साबित हो सकता है।
मंजियाली गांव के हरीमोहन चैहान भाजपा के ही युवा मोर्चा से आते हैं। वे लम्बे समय तक जलागम परियोजना के स्वयं सहायता समूहो के साथ जुड़े रहे। उन्हे यहां समूहो के साथ के एक प्रशिक्षक के रूप में पहचानते है। इसलिए उन्हे एमटी भाई से लोग ज्यादा जानते हैं। एमटी यानि मास्टर ट्रेनर हरिमोहन चैहान इस क्षेत्र में युवाओं के मध्य खासे लोकप्रिय है। क्योंकि वे युवाओं के खेलो में उद्घोषक का काम भी बखूबी करते हैं। उनकी पहचान शालीन और सौम्यता के रूप में यहां जानी जाती है। भंकोली के बाद मतो की संख्या की जब बात आती है, यहां भी कम ''वोटबैंक'' नहीं है।
मंजियाली के एकदम बगल में कोटियाल गांव हैं जहां के नितेश बधानी पहली बार अपने पिताजी विजय बधानी की बिसात पर भंकोली जिला पंचायत सीट पर जीत की ताल ठोक चुके हैं। नितेश तकनिकी युग का पढा-लिखा नौजवान है। उनके पिताजी विजय बधानी भाजपा नौंगाव मण्डल के अध्यक्ष है और एक लम्बा राजीतिक सफर का अनुभव है। यह अलग बात है कि नितेश की यह पहली पारी है। मगर वह भी पुराने-खुंराट कार्यकर्ताओ के साथ इस बार के चुनाव में अच्छी दखल दे रहे हैं।
ठीक नौगांव बाजार से लगे गांव नैणी से दलबीर चन्द हैं। वह भी भंकोली जिला पंचायत सीट पर अपनी जीत को पक्की बता रहे हैं। लम्बे समय से इस क्षेत्र में उनकी व्यवसायिक गतिविधियां हैं। जिस कारण उनकी पंहुच मतो के काफी नजदीक बताई जा रही है। दलबीर चन्द के परिवार को इस क्षेत्र में नगदी फसल को बढावा देने का श्रेय लोग देते है। इसके अलावा उनका और उनके परिवार का लगाव भाजपा से ही है। वे भाजपा के अन्य संगठनो में खूब हिस्सेदारी करते है।
नैणी के पड़ोस गांव किम्मी के मनोज कुमार भी इन सबसे पीछे कहां है। वह इनके उलट अपनी पहचान रखता है। वह भंकोली जिला पंचायत सीट से इसलिए मैदान में उतरे कि वह खुद को अनुसूचित जाति का मसीहा मानता है। साथ ही वह बहुजन समाज पार्टी से समर्थित प्रत्याशी है। जबकि वह बामसेफ का कार्यकता भी है। यह दीगर है कि इस क्षेत्र में बसपा और बामसेफ कितनी हैसियत रखती है, किन्तु मनोज कुमार का ''वोटबैंक'' अनुसूचित जाति पर ही टिका है।
कुलमिलाकर यहां बताना जरूरी है कि यह उत्तरकाशी की अकेली सीट है जहां भाजपा और भाजपा के ही कार्यकर्ता एक दूसरे के खिलाफ मैदान में उतरे है। स्पष्ट हो जाता है कि इस सीट पर किसी भी पार्टी का कोई ''कैडर वोट'' काम करने वाला नही है। यहां चुनावी माहौल बता रहा है कि इस सीट पर भाई-भतिजावाद, कुनबावाद, खोलावाद, क्षेत्रवाद चरम सीमा पर है। कह सकते है कि जिसके पक्ष में सर्वाधिक ''वाद'' आयेगा वही इस चुनावी समर में अपनी नैय्या पार लगा पायेगा।
0 - फोटो साभार - नरेश नौटियाल