उत्तरकाशी की जिलापंचायत के अध्यक्ष की कुर्सी का झुकाव गंगाघाटी की ओर

||उत्तरकाशी की जिलापंचायत अध्यक्ष की कुर्सी का झुकाव गंगाघाटी की ओर!!


सीमांत जनपद उत्तरकाशी में शरद हवाओ का पारा राजनीति ने गरमा दिया है। अभी पंचायत स्तर के चुनाव सम्पन्न होने में थोड़ा समय बाकी है। जिला पंचायत अध्यक्ष और क्षेत्र पंचायत प्रमुख के चुनाव होने है। इस बावत उम्मीदवार गुणा-भाग में लगे है। यहां हम उत्तरकाशी की जिला पंचायत की अध्यक्ष की बात कर रहे है। इस सीट का मिथ्य है कि ज्यादातर यमुना घाटी में ही बनते है। मगर इस दौरान का चुनाव बहुत ही कॉन्ट्रास्ट बना है। क्योकि गाजणा जिलापंचायत सीट से जीतकर आये प्रदीप भट्ट ने अध्यक्ष पद का चुनाव मौजूद समय मे चर्चित कर दिया है।


उल्लेखनीय हो कि उत्तरकाशी जिला पंचायत सदस्यों का चुनाव लोगो ने राष्ट्रीय पार्टियों को धत्ता बताकर निर्दलीयों को सर्वाधिक महत्ता दी है, जिसमे प्रदीप भट्ट को अबतक सर्वोत्तम मन जा रहा है। वैसे बताया जा रहा है कि उत्तरकाशी जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी के सपने अभीतक तीन सदस्य ही बन रहे है।  महरगांव के नवनिर्वाचित जिला पंचायत सदस्य अरविंदलाल  बता रहे है कि अधिकांश सदस्यों ने प्रदीप भट्ट को समर्थन दे दिया है। अन्य लोग भी कह रहे है कि प्रदीप भट्ट को इन नौजवानों ने समर्थन देना चाहिए।



खैर यह ना तो एक्जिट पोल है और न ही विश्वाशी मत है कि प्रदीप भट्ट जिला पंचायत उत्तरकाशी की कुर्सी को हथियाने में सफल होंगे। पर इतना कह जा सकता है कि श्री भट्ट छात्र राजनीति से ही सुर्खियों में रहे है। वे उत्तरकाशी महाविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष रहे तो लंबे समय तक कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता भी रहे है। यही नही प्रदीप राज्य और अपने क्षेत्र के विकास के लिए लगातार सरकार से लोहा लेते रहे। पुरोला के राजेन्द्र अज्ञता का कहना है कि उनके 10 रिश्तेदारों को मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से आर्थिक मदद दिलवाने में प्रदीप भट्ट का वे हमेशा ऋणी है। जबकि उन्होंने इस बावत कई बार सरकार का दरवाजा खटखटाया मगर सरकार के कान तक जून नही रेंगी। इसके अलावा चर्चाओ का माहौल गरम है कि लगभग10 जिलापंचायत सदस्यों ने प्रदीप भट्ट के समर्थन में सहज ही स्वीकृति को बातचीत में बताया है। यदि चर्चाओ की गणित को प्रमुखता मिलती है तो वर्तमान में उत्तरकाशी जिला पंचायत के अध्यक्ष की कुर्सी को हथियाने में प्रदीप पहले नंबर पर आ सकता है। बहरहाल यह चुनाव के बाद ही स्पष्ट होगा कि इस बार उत्तरकाशी के जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी यमुनाघाटी की तरफ रहेगी या गंगाघाटी की तरफ, जो समय की गर्त में है।


ज्ञात हो कि इस दौरान सभी जिला पंचायत सदस्य काली दाढ़ी मूंछ वाले ही जीतकर आये है। इन नौजवानों का ऐसा खौलता हुआ खून है जो विकास की यादगार इबारत लिखना चाहते है। ऐसे में गरम खून को गुणा-भाग में बैठाना कोई मजाल नही है।