आइये ! डाॅयबिटीज खात्मे का लें संकल्प

आइये ! डाॅयबिटीज खात्मे का लें संकल्प


अनूप नौटियाल 


इंडिया इंटरनेशनल डाॅयबिटीज फेडरेशन के अनुसार हमारे देश में करीब 6 करोड़, 10 लाख लोग डाॅयबिटीज की बीमारी से पीड़ित हैं। 2030 तक यह आंकड़ा 10 करोड़, 11 लाख तक पहुंचने का अनुमान है। वाणिज्य एवं उद्योग संगठन (एसोचैम) के एक सर्वे के अनुसार पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में यह रोग तेजी से बढ़ रहा है। पुरुषों में यह बीमारी 25 फीसदी जबकि महिलाओं में 42 फीसदी दर्ज की गई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि इस बीमारी को लेकर पारिवारिक इतिहास, जीवनशैली में बदलाव और खानपान की बदलती आदतें मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं।


डाॅयबिटीज की चपेट में आने पर आंखों की रोशनी, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, किडनी सहित अन्य बीमारियां रोगी को घेर लेती हैं। युवा वर्ग में जंक फूड और वसायुक्त भोजन के प्रचलन की बढ़ती प्रवृत्ति से उनमें इस बीमारी का खतरा और अधिक बढ़ गया है। 


जागरूकता ही इस खतरनाक बीमारी से बचाव का एकमात्र विकल्प है, जिसके लिए व्यायाम, स्वस्थ्य खानपान और अच्छी आदतों को दिनचर्या का अंग बनाना होगा। स्वस्थ्य व्यक्ति को भी समय-समय पर इस बीमारी की जांच करवाने के साथ इस बीमारी से पीड़ित को चिकित्सक के अनुसार सुझाई गईं सावधानियों को अमल में लाना होगा।


डाॅयबिटीज एक आनुवंशिक बीमारी है। हमें अपनी भावी पीढ़ी के स्वस्थ्य भविष्य के लिए स्वयं को स्वस्थ्य रखना होगा। हमें महामारी बनती जा रही डाॅयबिटीज के खात्मे का संकल्प लेना होगा।