||बीस सूत्री कार्यक्रम प्रगति पुस्तिका का लोकार्पण||
20वें राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर परेड ग्राउंड देहरादून में आयोजित समारोह के मुख्य अतिथि केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में बीस सूत्री कार्यक्रम प्रगति पुस्तिका वर्ष 2018-19 का लोकार्पण किया गया। इस दौरान कार्यक्रम में केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डाॅ0 रमेश पोखरियाल 'निशंक', उत्तराखण्ड विधानसभा के अध्यक्ष प्रेमचन्द्र अग्रवाल, सांसद एवं प्रदेश अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी अजय भट्ट के साथ-साथ प्रदेश के मंत्रीगण, विधायकगण व बीस सूत्री कार्यक्रम एवं कार्यान्वयन समिति के उपाध्यक्ष (कैबिनेट स्तर) नरेश बंसल व मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड श्री रावत भी मौजूद रहे हैं।
प्रकाशित प्रगति पुस्तिका में चयनित 25 योजनाओं की जनपदवार/कार्यक्रमवार रैंकिंग की गयी है। रैंकिंग के अनुसार जनपद हरिद्वार ने प्रथम, पिथौरागढ़ ने द्वितीय तथा बागेश्वर एवं उधमसिंह नगर द्वारा तृतीय स्थान प्राप्त किया। रैंकिंग में आच्छादित कुल 25 मदों में से वर्ष 2018-19 में 18 मदों 'ए' श्रेणी, 4 मदों में 'बी', 2 मदों में 'सी' तथा एक मद में 'डी' श्रेणी प्राप्त की है। कार्यक्रम के दौरान बताया गया कि योजनाओं का लाभ आम जन तक पहुंचाये जाने के उद्देश्य से बीस सूत्री कार्यक्रम पूर्ण रूप से प्रयासरत एवं कृत संकल्प है।
बीस सूत्री कार्यक्रम एवं कार्यान्वयन समिति के उपाध्यक्ष नरेश बंसल ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री रावत के निर्देशन में बीस सूत्री कार्यक्रम की योजनाओं के सफल कार्यान्वयन हेतु राज्य स्तरीय, जनपद स्तरीय तथा विकास खण्ड स्तरीय समितियों का गठन किया गया है। सभी जनपदों में जनपदीय बीस सूत्री कार्यक्रम समिति के अन्तर्गत उपाध्यक्ष व सदस्य नामित किए गए है, जिनकी कुल संख्या-258 है।
उन्होंने कहा कि त्रिस्तरीय समिति में नामितों की निगरानी में सरकार द्वारा संचालित योजनाओं के कार्यान्वयन को ठोस एवं सार्थक रूप से संचालित करने का अनवरत प्रयास किया जा रहा है। उक्त रैकिंग मदों के अतिरिक्त भारत सरकार के प्राथमिकता वाले योजनाओं यथा- अटल उत्तराखण्ड आयुष्मान योजना, सौभाग्य योजना, जनधन योजना, कौशल विकास, उज्जवला योजना, मृदा स्वास्थ्य प्रबन्धन, ई-नाम, फसल बीमा योजना, मुद्रा योजना व किसानों की आय को दुगना करने के प्रयासों तथा सतत् विकास लक्ष्य के संबंध में भी अनुश्रवण करने हेतु सभी जनपदों व विकासखण्डों में बैठकों का आयोजन व स्थलीय निरीक्षण किया जाना प्रस्तावित है।