||एक रिवर्स एडमिसन वाला सरकारी विद्यालय||
शिक्षाशास्त्र में कहा गया है कि "किसी भी देश के भविष्य का निमार्ण वहाँ के विद्यालयों में हो रहा है" लेकिन वर्तमान समय में शिक्षा दो अलग अलग निजी और सरकारी माध्यम से चल रही है जिसमें निजी विद्यालयों की शिक्षा सभी पर हावी हो रखी है और सरकारी शिक्षा व्यवस्था का हाल बुरा है आखिर इसके पीछे क्या कारण है? बहरहाल कारण जो भी हो लेकिन हम आज आप से निजी विद्यालयों की शिक्षा को दरकिनार कर सरकारी शिक्षा से जुड़ने का एक अनोखे स्थल की बात कर रहे हैं जी हाँ हम आप से साजा कर रहे हैं इसी बहाने विकासखण्ड प्रतापनगर टिहरी गढ़वाल के रा0 प्रा0 वि0 घोल्डानी की।
जहां एक ओर आज के समय में शिक्षा को लेकर पलायन की एक मुख्य समस्या खड़ी है वहीं दूसरी तरफ कुछ शिक्षक ऐसे भी हैं जो अपने अथक प्रयासों से लगातार विद्यालयों में शिक्षा के स्तर को बिना किसी सरकारी सहायता से नवाचार के माध्यम से शिक्षा के स्तर में लगातार नये-नये प्रयोग कर प्रा0 शिक्षा को एक नया आयाम दे रहे हैं। संसाधनों की कमी को पूरा करने के लिए विकल्प के तौर पर स० अ0 संतोश खन्डडी ने प्रभारी प्रधानाध्यापक विनोद शाह के प्रबन्धन में सेवित क्षेत्र के ग्रामीणों के सहयोग से बाल विकास संस्था का गठन किया जिसमें, विदयालय के संसाधनों की समस्या का समाधान किया जाता हैइस निधि में धन प्रवासी ग्रामीणों के माध्यम से जमा किया जाता है जो अपने सेवित क्षेत्र के विद्यालय में सतत विकास देखना चाहते हैं।
गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को देखते हुए पलायन किये गये लोगों के द्वारा पुनः निजी विद्यालयों से अपने नौनिहालों को अपने ही गांव के सरकारी विद्यालय में प्रवेश दिलाया गया साथ ही कुछ परिवार ऐसे भी हैं कि जो अपने बच्चों की अच्छी शिक्षा हेतु पलायन करने की तैयारी में थे उन्होंने पलायन का विचार छोड़ दिया है। विद्यालय की कक्षाएँ टी0 एल0 एम0 से सुसज्जित हैं जिससे एक्टीविटी बेस्ड शिक्षा पर काम किया जा रहा है जिससे टी0 पी0 आर0 (टोटल फिजिकल रिस्पोंस) की मूल भावना सार्थक सिद्ध हो रही है। शिक्षक द्वारा बच्चों की भाशाशैली में भी निरंतर वृद्धि की जा रही है और हिन्दी और अंग्रेजी जैसे विषयों का रुचिपूर्ण माध्यम से अध्ययन कराया जा रहा है जिससे उनके मानसिक विकास में उत्रोत्तर वृद्धि हो रही है।
प्रधानाध्यापक विनोद शाह गणित विशय की अच्छी समझ विकसित करने के लिए एक्टीविटी बेसड नये-नये टी0 एल0 एम0 द्वारा maths with playing method से आनंनदित वातावरण में शिक्षण कार्य कर रहे हैं जिससे छात्र-छात्राओं का गणितीय ज्ञान व्यावाहारिक ज्ञान से जुड़ रहा है।
स0 अ0 संतोश खन्डूडी बच्चों को प्रकृति से जोड़ने हेतु नये-नये प्रयोग किये जा रहे हैं जिसके फलस्वरूप प्रत्येक महापुरुषों की जयन्ती एव विशेष पर्वो में बागवानी एंव वृक्षारोपण जैसे कार्यक्रमों को संचालित किया जाता है। आज विद्यालय के सेवित क्षेत्र में लगभग 50 प्रजाति के पुष्पों को रोपित किया गया है जिसमें उन्होने एक नई थीम 'My school my plant जोड़ी है जो बच्चों को पर्यावरण के प्रति रुचि उत्पन्न करने में कारगर साबित हो रही है। आर्थिक रूप से कमजोर/अनाथ बच्चों को विद्यालय स्तर पर शिक्षकों द्वारा पाठ्य सामाग्री का वितरण किया जाता है एंव खेल गतिविधि आधारित मैत्रिपूर्ण शिक्षण वातावरण का सृजन हो रहा है। यदि वेशभूशा की बात करें तो जो मैंने देखा मैं उसी को बताने जा रहा हूँ कि देखकर ऐसा लगता कि जैसे इस विद्यालय के छात्र-छात्राएँ टिप फॉर टॉप में किसी प्राइवेट स्कूल से कहीं आगे दिखाई देते हैं।
यह विद्यालय मेरे नजदीक का विद्यालय है इसलिए मैं इन बातों को अच्छी तरह जानता हूँ। जहां विद्यालय आसानी से कम्प्यूटरीकृत नहीं हो पा रहे हैं वहीं बाल विकास संस्था द्वारा विद्यालय में कम्प्यूटर की व्यवस्था की गई है जिससे बच्चों को आई0 सी0 टी0 से जोड़ा जा रहा है। बच्चों के शारीरिक विकास के लिए प्रतिदिन योग एवं व्यायाम करवाया जाता है साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों के द्वारा प्रतिभा को निखारा जाता है। वृक्षारोपण द्वारा जहां बच्चों के अन्दर पर्यावरण संरक्षण की भावना जागृत की जा रही है। प्रार्थना स्थलीय गतिविधि में नैतिक विचारों की अच्छी पौध जम रही है। इस विद्यालय में शिक्षा-दिक्षा के साथ-साथ संस्कारित शिक्षा की झलक देखते ही बनती है। यह विदयालय सदरवर्ती अति दर्गम श्रेणी का विद्यालय है फिर भी शिक्षा की नई-नई ऊँचाईयों को छ रहा है। यह सब कार्य विषम भौगोलिक परिस्थिति में हो रहा है। यह सब कुछ तभी सम्भव हो रहा है जब अध्यापकों का कशल प्रबन्ध है।
मुझे आशा है कि इस लेख द्वारा कई विद्यालयों को प्रेरणा मिलेगी और अपने विद्यालयों मे इसका प्रयोग करेंगे। मैं इस विद्यालय के शिक्षकों को आगामी शुभकामना देता हूँ कि आप इस विद्यालय को आगे-आगे बढ़ाएं।