|| खडक्या सेम एक जलकुंड||
खडक्या का अर्थ हम अचरज से कर सकते है और सेम का मतलब जल भण्डारण से। अर्थात अचरज पानी का भण्डार । खडक्या सेम में जो पानी का धारा है वह कालीनाग देवता का हैं या कालीनाग देवता के नाम से कह सकते हैं। लोग उक्त धारे के पास नंगे पाव जाते है। ताकि इस जलस्रोत की पवित्रता बनी रहे। इस धारे में अनु0 जा0 के लोगों के लिए प्रवेश वर्जित है।
स्थानीय लोग कहते है कि जब इस धारे में गन्दगी बढ जाती है तो यह सूख जाता है। यहां सांप निकलते हैं। परन्तु स्थानीय लोग इसकी सफाई व पूजा को नियमित करते हैं। ऐसा करने से लोगो में जल संरक्षण की धारणा जागृत होती है। ऐसा लोगो का मानना है। इस धारे की खास बात है कि इसका पानी गर्मीयों में ठण्डा व सर्दियों में गरम रहता है।
स्थानीय लोगो का कहना है कि पहले ऐसे शिल्पकार लोग थे जो पत्थरों पर सुन्दर आकृतियां बनाते थे अब वे नही रहे। सो अब सीमेन्ट के बजाय कुछ और साधन दिखाई ही नही देते हैं। उनका जबाब था कि धारे बनाने का कार्य तो मिस्त्रियों का था परन्तु धारे की पूजा के पश्चात वे वहां नही जा सकते थे। यह भी एक परम्परा है।