किशोरी संगठन

किशोरी संगठन


सुनीता गहतोड़ी पर्यावरण संरक्षण समिति, पाटी, के तत्वाधान में जब से गाँवों में संगठन बने हैं, किशोरियाँ काफी जागरूक हुई है। पहले किशोरियाँ ना तो कहीं बाहर जाती थी और ना ही खुलकर बात कर पाती थीं लेकिन अब स्थिति बदल रही है। किशोरियाँ घर से बाहर गोष्ठियों में आने-जाने लगी हैं। थुवामौनी गाँव की किशोरियाँ पहले केवल कक्षा आठ तक पढ़ती थीं। गाँव से इण्टरमीडिएट कॉलेज, पाटी, बहुत दूर हैजंगल का रास्ता होने की वजह से लड़कियाँ इधर-उधर जाने में डरती थीं। लड़कियों की शिक्षा को महत्व न देना और समाज में स्त्रियों की दोयम दर्जे की दशा भी इसका कारण रहे।


लगातार गोष्ठियों में आने के बाद किशोरियों की हिम्मत बढ़ी, जागरूकता आयी और डर कम हुआ।अब अधिकतर किशोरियाँपाटी इण्टर कॉलेज में पढ़ने के लिए जाती हैंइसी प्रकार, आस-पास के अन्य गाँवों की किशोरियाँ भी पढ़ाई के प्रति बहुत जागरूक हुई हैं। संस्था कार्यकर्ताओं को उस वक्त काफी खुशी होती है।  जब किशोरियाँ अपने मन की बातें खुलकर उन्हें बताती हैं।


किशोरी संगठन में काम करना हमें बहुत अच्छा लगता है। हमारी यही इच्छा है कि किशोरियाँ आगे बढ़ें और समाज में कुछ काम करके दिखायें, नाम और यश कमायें भविष्य में अन्य किशोरियाँ भी उनसे प्रेरणा लें । क्षेत्र की महिलायें शिक्षित हों और विचारवान नागरिक बनें, इसके लिए महिला संगठनों का निर्माण हुआ है । क्षेत्र में स्त्रियों की दशा सुधारने के लिए किशोरी और महिला संगठन मिलकर बहुत काम कर सकते हैं।