मां



मां


मां होती है सबको प्यारी।


सब बच्चों की पालनहारी।।


ममता की मूर्त है मां।


बूढ़ी भी हो जाए चाहे ।।


फिर भी सबसे सुंदर है मां।


कुदरत भी हम सबकी मां है।।


उस पर निर्भर सारा जहां है।


दोनों को कभी तंग न करना।।


रूठ जाएंगी तुमसे वरना।


मां किसी की कभी न बिछड़े ।


जीवन की बगिया न उजड़े


जिन बच्चों ने मां को खोया ।।


जीवन उनका अंधेरा हो गया


आओ मिलकर दीप जलाएं ।।


दो आंसू उनके लिए बहाएं।


आओ मिलकर दीप जलाएं।।



स्रोत - समाचार भारती, समाचार सेवा प्रभाग, आकाशवाणी