पानी में क्लोरीन की मात्रा मानक से सात गुना अधिक

पानी में क्लोरीन की मात्रा मानक से सात गुना अधिक 


राजधानी के लोगों को यह खबर सावधान करने वाली है। जल संस्थान की ओर से शहर में की जा रही जलापूर्ति बेहद खराब होने की रिपोर्ट एक निजी संस्था के सर्वे में सामने आई है। सर्वे में 96 पानी के नमूनों में सिर्फ दो ही पास हुए हैं। इसके चलते शहरवासियों पर हेपेटाइटिस बी, पीलिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।


निजी सर्वे कंपनी स्पेक्स की ओर से शहर के 65 वार्डों में पेयजल के 96 नमूने लिए गए थे। परीक्षण में 96 नमूनों में से महज दो ही पास हा बाकी 94 नमूने परीक्षण में फेल पाए गए।


बता दें इन वार्डों में आम शहरियों के अलावा पेयजल मंत्री प्रकाश पंत, सांसद मालाराज लक्ष्मी शाह, कैंट विधायक व पूर्व विधानसभा अध्यक्ष हरबंश कपूर, विधायक विनोद चमोली के आवास भी हैं।


सर्वे कंपनी के अनुसार इन माननीय के घरों में सप्लाई हो रहे पेयजल में टोटल डिसाल्व सॉलिड (टीडीएस) की मात्रा मानक से बहुत अधिक मिली है। मानक के अनुसार टीडीएस की मात्रा 300 मिलीग्राम प्रति लीटर होनी चाहिएइसके अलावा इन सभी माननीयों के घरों के पेयजल में क्लोरीन की मात्रा एक से अधिक मिली है। क्लोरीन की मात्रा 0.2 मिलीग्राम प्रति लीटर होनी चाहिए।


इन इलाकों में पेयजल से क्लोरीन नदारद


एक तरफ मंत्रियों, विधायकों के घरों के पेयजल में क्लोरीन की मात्रा मानक से अधिक पायी गई है वहीं शांतिनगर, रामपुर चौक, विकास पुरम, आमवाला,कल्पना विहार, सपेरा बस्ती, रामनगर, तपोवन मार्ग, सुंदरवाला, बंजारावाला, करनपुर, गुरुद्वारा रोड, डीएल रोड, टर्नर रोड, आर्यनगर, राजपुर रोड, परमहंस कॉलोनी, पटेलनगर, राजपुर, आजाद कालोनी, नवविहार, चुक्खूवाला, धारा चौकी, सीएनआई कॉलेज, इंद्रा कॉलोनी, अंबेडकर कॉलोनी आदि इलाकों के पेयजल से क्लोरीन गायब है।


सिर्फ दो स्थानों पर मानकों के अनुसार जलापूर्ति


सर्वे के दौरान जल संस्थान की ओर से महज दो इलाकों नई बिंदाल बस्ती और चंदरनगर क्षेत्र में मानकों के अनुरूप जलापूर्ति की बात सामने आई है। इन क्षेत्रों के पेयजल नमूनों में क्लोरीन की मात्रा 0.2 मिलीग्राम प्रति लीटर मिली है।


इन इलाकों के पेयजल में अधिक क्लोरीन


रामपुर मंडी, चकराता रोड, कालीदास रोड, अहीर मंडी, डोभालवाला, बल्लूपुर रोड, कृष्णनगर शिवाजी मार्ग, परसोलीवाला, कांग्रेस भवन, सालावाला, राजेंद्र नगर, बनस्थली, पथरियागीर, तिलक रोड, जद्दीवाला, शांति विहार, खुड़बुड़ा, झंडा बाजार, डालनवाला, शिव कॉलोनी, आकाशदीप कॉलोनी, नरेंद्र विहार डांडा, देहराखास क्षेत्र में क्लोरीन की मात्रा दो से सात गुना अधिक पायी गई है।


अत्यधिक क्लोरीन से अस्थमा, ब्लड कैंसर का खतरा


स्पेक्स के विशेषज्ञों के मुताबिक पानी में अत्यधिक क्लोरीन से अस्थमा, ब्लड कैंसर, शरीर की कोशिकाओं को नुकसान, नाक, कान और आंख के रोग, हार्ट अटैक व बाल झड़ने की समस्या हो सकती है।


टोटल कालीफार्म, फीकल कालीफार्म भी मिले


जांच के दौरान शहर के 37 स्थानों पर टोटल कालीफार्म व फीकल कालीफार्म भी पाए गए हैं। सपेरा बस्ती में टोटल कालीफार्म 108 प्रति 100 मिली पाया गया जबकि राजपुर रोड में सबसे कम महज चार मिलाइसी प्रकार सपेरा बस्ती में फीकल कालीफार्म सबसे अधिक 62 पाया गया जबकि सबसे धारा चौकी, कुल्हाण व नई बिंदाल बस्ती. चंदरनगर में सबसे कम चार पाया गयाविशेषज्ञों के मुताबिक कालीफार्म होने से पेट के रोग, डायरिया, फ्लूलाइन, पेट में कीड़े, हेपेटाइटिस-बी व पीलिया का खतरा बढ़ जाता है।



- स्पेवस संस्था के सचिव डॉ. बृजमोहन शर्मा ने बताया कि संस्था को केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से मान्यता दिए जाने के साथ ही लैब मुहैया करायी गई है। संस्था को आइएसओ-9001 का प्रमाण-पत्र भी मिला है।



- मंत्री, सांसद, मंत्रियों, विधायकों के घरों का पानी भी दूषित।


- निजी सस्था स्पेक्स के सर्वे में 96 पानी के नमूनों में सिर्फ दो ही पास।