तटेश्वर महादेव का पन्यारा

||तटेश्वर महादेव का पन्यारा||


तटेश्वर महादेव का पन्यारा डख्याट गांव में है। तटेश्वर इसलिए कि यह यमुना नदी के तट पर बसा गांव है। हालांकि वर्तमान में यमुना नदी से इस गांव की दूरी सात किमी बढ़ गई है। जनश्रुति है कि गांव में पहले पानी की समस्या बनी रहती थी।


एक बार एक साधु इस गांव में आया और पानी पीने की इच्छा जाहीर की गांव की एक महिला ने उन्हे आसन दिया और कहा कि यमुना नदी से पानी भरकर ले आती हूं। वह यमुना नदी की ओर चल दी। जब तक वह वापस आई तो पहाड पर साधु ने अपना चीमटा गाड़ रखा था। साधु ने महिला का यमुना से लाया हुआ पानी ग्रहण किया और कहा कि आज के बाद यमुना नदी में पानी के लिए नही जाना पड़ेगा साधु ने अपना चीमटा वापस निकाला तो पहाड़ से दो धारायें फूट पड़ी और साधु विलुप्त हो गया।


इसलिए लोग उस साधु को शिव का रूप मानते है और इस धारे का नाम उन्होने तटेश्वर महादेव का पन्यारा रख दिया। वर्तमान में इस धारे के बाहर भी सीमेन्ट से सौन्दर्यकरण किया गया। अब एक धारा सूख गया। एक में अबिरल पानी आ रहा है। इस पानी को लोग बड़ा पवित्र मानते है। इस गांव के लोग प्रत्येक वर्ष यहां पूजा अर्चना करते है।