वर्जिन पत्नी


||वर्जिन पत्नी||


हद है ये तो, लड़कियों, महिलाओं को देखते ही जिनकी लार टपकती है.....थोड़ा सा मुस्कान के साथ बात कर ली तो तुरंत उसे बिस्तर पर पाने की कल्पना करने लगते है.... किसी महिला या लड़की ने फेसबुक व्हाट्स ऐप पर हाय हेल्लो का जवाब दे दिया तो अाई लव यू कहने में जरा सा भी देर नहीं लगाते ऐसे पुरुषों को भी वर्जिन पत्नी ही चाहिए......


तरस आता है तुम पर और उससे ज्यादा तरस उस तकनीक पर आता है जो इस घटिया सोच को तकनीक के सहारे आगे फैलाने वाले है........


इस पर चंदा जी का लेख पढिए......


फेसबुक पर एक विरोध ट्रेंड कर रहा है। मसला यह है की 'फेक वर्जिनिटी' के संदर्भ में अमेज़न कम्पनी 'फेक ब्लड कैप्सूल' या इसी तरह के कुछ उत्पाद बेच रही है जिनका विरोध या बायकॉट कीजिये। दरअसल जो महिलाएं 'वर्जिन' नहीं हैं विवाह के वक़्त वो ऐसे उत्पादों का इस्तेमाल कर अपनी पवित्रता बनाए रख सकती हैं!!!


ऐसे तो वर्जिनिटी का पूरा कॉन्सेप्ट ही बेहद घृणित और हास्यास्पद है उस पर फिर कभी बात करेंगे। लेकिन किसी ई कॉमर्स कंपनी को इस संदर्भ में कोसना या उसका बायकॉट करना भी उतना ही हास्यास्पद है। घृणा के काबिल तो वह लोग हैं वह समाज है जिसने वर्जिनिटी को टैबू बना रखा है। वह मर्दवादी सोच है जो महिला से एक यौन दासी का व्यवहार करती है और इस आधिपत्य को वह किन्हीं भी हालात में छोड़ना नहीं चाहती।


किसी व्यवस्था या विकल्प के अभाव में ऐसे उत्पाद बेचकर ये ई कॉमर्स कम्पनियां तो लड़कियों की मदद ही कर रही हैं क्योंकि यह एक अधिक सुरक्षित माध्यम है। नहीं तो लड़कियां भी वर्जिनिटी रीस्टोर करने के चक्कर में बाबाओं के चुंगल में फंस जाती हैं। यह हम अपने प्रत्यक्ष अनुभव से बता रहे हैं।


तो पहले मानसिकता बदलने की बात हो और व्यवस्था रातों रात नहीं बदलने वाली। बाज़ार तो कूड़े को भी सोना बनाकर बेच देगा। असली समस्या हममें है और हमारे संस्कारों में है। ऐसी धूर्त रूढ़ियों का बायकॉट कीजिये और आगे आकर व्यवस्था से लड़िये।


लड़कियों तुमसे भी शिकायत है। ठोकर मारो उन लोगों को जिन्हें तुम्हारी वर्जिनिटी से जरा भी फर्क पड़ता है। अपनी सेहत और स्वाभिमान दोनों से प्रेम करो और अपने लिये लड़ो जरूरत पड़े तो अपनों से भी ❤️❤️