इको सेंसेटिव जोन एवं आलवेदर सड़क


||इको सेंसेटिव जोन एवं आलवेदर सड़क||


सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित उच्च अधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी) के अध्यक्ष प्रोफेसर रवि चोपड़ा की अगुवाई में 9 सदस्यीय टीम गुरूवार को उत्तरकाशी पहुंची। आलवेदर सड़क निर्माण कार्यो के निरीक्षण व क्षेत्र भ्रमण के उपरान्त शनिवार को एचपीसी के अध्यक्ष चोपड़ा ने जीएमवीएन गेस्ट हाऊस में मीडिया से बातचीत की। इस मौके पर गंगोत्री विधायक गोपाल सिंह रावत भी मौजूद रहें।


एचपीसी के अध्यक्ष प्रोफेसर रवि चोपड़ा ने कहा कि इस क्षेत्र में मुख्य रूप से इको सेंसेटिव जोन है । सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा निर्देश मिले हैं कि इस क्षेत्र में इको सेंसेटिव जोन की गाइड लाईन के अनुसार आलवेदर सड़क निर्माण का कार्य हो रहें या नहीं इसके निरीक्षण व मॉनिटरिंग करने एचपीसी कमेटी आयीं हुई हैं। उन्होंने कहा कि गांव वाले चाहतें है कि सुखीटॉप को सड़क मिले इस हेतु उनकी बात पहले से ही जोनल मास्टर प्लान में आ चुकी हैं। उन्होंने कहा कि टीम के द्वारा इस क्षेत्र का गहन अध्ययन किया गया है।
गंगोत्री विधायक गोपाल सिंह रावत ने एचपीसी के अध्यक्ष चोपड़ा को गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग में संक्रिण स्थानों को 10 से 12 मीटर तक खोलने तथा पिलंग,जौड़ाव,सांलग,हूर्रि एवं भुक्की जैसे दुर्गम ग्रामों में मोटर मार्ग आदि मूलभूत सुविधाएं पहुंचाने हेतु इको सेंसेटिव जोन में डील बरतने को लेकर ज्ञापन सौंपा।


विधायक ने कहा कि चारधाम यात्रा के दौरान देशी- विदेशी श्रद्धालु गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के दर्शन करने यहां पहुंचते हैं। तथा गंगनानी आदि संक्रिण स्थानों में वाहनों का अत्यधिक जाम लगता है। जाम से निजात पाने के लिए उन संक्रिण स्थानों को दस से बारह मीटर चौड़ा करने की अनुमति प्रदान की जाए।


उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्ग कुछ स्थान संक्रिण होने से पूर्व में वाहन दुर्घटनाओं में सैकड़ो लोगों की जाने भी गई हैं। तथा श्रद्धालुआें व पर्यटकों को भी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। विधायक ने पारिस्थिति तंत्र को बचाने को लेकर भी बात कही। कहा कि जनपद के निचले क्षेत्रों में लैण्टाना घास तेजी के साथ फैल रहा है। इससे जंगली प्रजाति ही नहीं अपितु कृशि एवं बागवानी के क्षेत्र में भी भूरा असर पड़ रहा हैं। इस हेतु लैण्टाना घास को नष्ट करने को लेकर वन विभाग एवं एफआरआई द्वारा कार्य योजना तैयार करने का आग्रह किया।


इस दौरान भू-वैज्ञानिक डा. नवीन जुयाल,डा.किशोर कुमार, अपर जिलाधिकारी तीर्थपाल सिंह , डिप्टी कलेक्टर चतर चौहान, जिला आपदा प्रबन्धन अधिकारी देवेन्द्र पटवाल, वरिष्ठ पत्रकार सूरत सिंह रावत सहित प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया के प्रतिनिधि मौजूद थे