बसन्त आगमन: श्वेत चन्दन और पीले-सफेद पुष्प 


||बसन्त आगमन: श्वेत चन्दन और पीले-सफेद पुष्प||


इस ऋतु में बसंत उल्लास है, बसंत सुगंध है, बसंत मुस्कान है, बसंत सुंदर है, बसंत प्रकृति है, बसंत संगीत है, और सर्वपरी बसंत साधना है, जीवन का उत्कर्ष है जिसके जीवन में बसंत का आगमन हो वही सुखमय जीवन है। अर्थात राजधानी देहरादून में 30 जनवरी 2020 को बसंत पंचमी का महापर्व इसी हर्षोल्लास के साथ मनाया गया है। इस दौरान करनपुर बंगाली मौहल्ला लाइब्रेरी ने 97वीं बसंत पंचमी विद्या की देवी पूजा के साथ उत्साह में रंग भरा।


बता दें कि पिछले 97 वर्षो से लगातार करनपुर बंगाली मौहल्ला लाइब्रेरी समिति असन्तमहोत्सव को बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाती आ रही है। बंगली लाईब्रेरी पूजा समिति के अध्यक्ष अलोक चक्रवर्ती ने बताया कि करनपुर देहरादून स्थित बंगाली समिति द्वारा मां सरस्वती की पूजा अर्चना, बंसत पंचमी के ही दिन करते आये है। श्री चक्रवर्ती ने बताया कि इस पूजा में देहरादून व बहार से बंगाली समुदाय के लोग बड़े उत्साह के साथ पूजा में प्रतिभाग करते है।


इस दौरान बंगाली लाईब्रेरी पंडाल में बंगाली समुदाय की महिलाओं व पुरूषों ने पीले व सफेद वस्त्र पहने हुए थे। इस तरह सांय को सजे पाण्डाल में सामूहिक रूप से सरस्वती की पूजा अर्चना की गई। जिसकी महत्त देखते ही बन रही थी। लोग मां सरस्वती की मूर्ती पर श्वेत चन्दन और पीले तथा सफेद पुष्प श्रद्धासुमन अर्पित कर रहे थे। जबकि सभी श्रद्धालु ऐं सरस्वत्यै नमःष् के जाप में सम्मिलित हुए। प्रसाद के रूप में विभिन्न प्रकार के फल, सफेद बर्फी या मिठाई, मिसरी, दही और लावा, केसर मिश्रित खीर को परोसा गया। 


इस अवसर पर करनपुर बंगाली पूजा समिति में अध्यक्ष आलोक चतुर्वेदी आशीष भौमिक, श्रीमती अपर्णा चक्रवर्ती, सीएस बनर्जी, तनुश्री चक्रवर्ती, सुशांत मुखर्जी, अलका मुखर्जी, अरुण मुखर्जी, अरुण छेत्री, अभिजीत दास, सीमा दास, दिलीप दास, सिद्धार्थ दत्ता, पल्लव चैधरी, अभिजीत मुखर्जी, गौतम बनर्जी, पीके मित्रों ,अनिल कुमार ,विश्वनाथ मलखान, अमिताव घोष, एसके सिन्हा, रोहित दुग्गल, सुमित गोसाई, जे एस भट्टाचार्य, शोभा रानी, संजय बोस, जयदीप बनर्जी, आर एस चटर्जी, पंकज कन्नौजिया आदि सैकड़ों श्रद्धालुओं ने बसन्त पंचमी के इस अनुष्ठान व पूजा में प्रतिभाग किया है।