हेली सेवा से उम्मीदो पर पंख


||हेली सेवा से उम्मीदो पर पंख||


पिथौरागढ और चिन्यालीसौड़ में एक ही दिन हेली सेवा का उद्घाटन हो गया है। घण्टो का सफर अब मिनटो में हो पायेगा। देखना यह है कि यह सेवा भविष्य में कितनी सफल होती है। मगर वर्तमान की सरकार ने यह उपलब्धी अपने खाते में तो जोड़ ही दी है। उद्घाटन समारोह में लोग कानाफूसी करते मिले कि इस सेवा का उपयोग केवल आपातकाल में ही मरीजों को देहरादून तक लेजाना और लेआना ही क्यूँ हो, सामान्य स्तिथि में भी डाक्टरों को पहाड़ भेजना क्यूँ न हो?


गौरतलब यह है कि उत्तराखण्ड के पहाड़ी क्षेत्रों में हेली सेवा शुरू होने से दूर दराज के लोगों को आपातकाल में स्वास्थ्य सुविधायें पहुंचाने में बहुत मदद मिलेगी। बताया जा रहा है कि अब हवाई सेवा के कारण पिथौरागढ़ से लेकर उत्तरकाशी तक देहरादून से जाने में केवल एक घंटे का ही समय लगेगा।


धाद से जुड़े युवा ईंजिनियर विरेश का कहना है कि सरकार को चाहिए कि देहरादून के स्पेशलिस्ट डाक्टरों का भविष्य हेतु एक ड्यूटी चार्ट तैयार करे। इस चार्ट के हिसाब से किस दिन कौना सा चिकित्सक पिथौरागढ़, गौचर और उत्तरकाशी में तैनात रहेगा। हवाई जहाज में उनके आने और जाने की सीट रिजर्व रखी जाये ताकि वे ऐसे दूरस्थ क्षेत्रों में सहज ही सेवा दे सके।


इसी क्रम में सरकारी डाक्टरों की एक पूरी टीम भी ड्यूटी लगा सकती है। जिसमें टेक्नीशियन से लेकर लेडी डाक्टर शामिल हों। इस तरह पहाड़ पर चिकित्सक पंहुचने से लोगों की एक बहुत बड़ी समस्या का समाधान हो सकता है।