पानी महंगा, शराब सस्ती!

पानी महंगा, शराब सस्ती!



विएतनाम-7




हरिद्वार और देहरादून जैसे शहरों में रहते हुए कभी इस बात का एहसास नहीं होता कि पानी की कीमत क्या है। जब आप किसी ऐसी जगह से आते हैं, जहां पीने के पानी से कार धोयी जा रही हों, तब इसकी कीमत का अनुमान नहीं लगाया जा सकता। लेकिन दुनिया में बहुत सारी ऐसी जगहें जहां पीने का पानी मिल जाना बहुत कीमती बात है। बहुत सारे लोगों को इस बात पर आश्चर्य होगा कि वियतनाम में पीने का पानी महंगा है, इसकी तुलना में बीयर सस्ती है। इस बात का पहला अनुभव वियतजेट एयरलाइंस में हुआ। इंटरनेशनल फ्लाइट होने के बावजूद दिल्ली से हनोई की यात्रा के दौरान पानी नहीं दिया गया। कुछ लोगों ने पानी की मांग की तो उन्हें मैन्यू कार्ड पकड़ा दिया गया, जिसमें साफ लिखा था कि आधा लीटर बोतल की कीमत तीन डॉलर है।


अगर भारतीय रुपए के हिसाब से देखें तो करीब 430 रुपये में एक लीटर पानी मिलेगा। मेरे लिए यह बात किसी झटके से कम नहीं थी। मैन्यू कार्ड में यह भी लिखा हुआ था कि बीयर की आधा लीटर बोतल की कीमत ढाई डॉलर है। अब तुलना करके देख लीजिए कि पानी महंगा है और बीयर सस्ती है। वियतनाम पहुंचने के बाद पानी की किल्लत का एहसास और ज्यादा तेजी से हुआ क्योंकि वहां उस तरह पीने का पानी उतनी आसानी से नहीं मिलता, जैसे भारत में मिल जाता है। भारत में ज्यादतर सार्वजनिक जगहों पर पीने का पानी निशुल्क उपलब्ध रहता है। वह रेलवे स्टेशन हो, बस स्टैंड हो या फिर एयरपोर्ट।


विएतनाम में इतनी राहत जरूर थी कि होटल में रोजाना सुबह आधा लीटर पानी की बोतल मिल जाती थी। मौसम ज्यादा गर्म नहीं था इसलिए आधा दिन इस आधा लीटर पानी में कट जाता था। इसके बाद आधा लीटर पानी की बोतल हमारे गाइड द्वारा मुहैया कराई जाती थी और शाम को जहां खाना खाने जाते थे, वहां पर भी खाने के साथ पानी की आधा लीटर की बोतल दी जाती थी। इस तरह दिन भर में डेढ़ लीटर पानी उपलब्ध रहता था। इससे ज्यादा पानी चाहते हैं तो फिर आपको पैसा चुका कर खरीदना होगा। बाजार में पानी की कीमत उतनी ऊंची नहीं थी, जितनी हवाई जहाज में थी, फिर भी भारत की तुलना में काफी थी। भारतीय रुपए के लिहाज से देखें तो 2 लीटर पानी की बोतल 90 रुपये की मिल रही थी, जो भारत में 25 से 30 रुपये की मिल जाती है। साफ है कि भारत की तुलना में बोतलबंद पानी तीन गुना महंगा था, ये शायद अकेली चीज है जो वहां भारत की तुलना में महंगी है।


यहां गौर करने वाली बात यह है कि वियतनाम समुद्र किनारे बसा देश है। वियतनाम का आधा हिस्सा पूरी तरह से समुद्र से घिरा हुआ है, लेकिन पीने के पानी की समस्या हनोई से लेकर हो ची मिन्ह सिटी तक, वियतनाम के सभी प्रमुख शहरों में देखने को मिलती है। शायद वहां के पानी की गुणवत्ता ऐसी है कि उसे सीधे इस्तेमाल नहीं किया जा सकता या फिर बाहर से आने वाले लोगों के लिए वह पानी वैसा मुफीद नहीं होता, जैसा कि स्थानीय लोगों के लिए होता है। तुलना के लिहाज से देखें तो दिल्ली में भी कई इलाके ऐसे हैं, जहां पीने का पानी आसानी से नहीं मिलता और मिलता भी है तो इस लायक नहीं होता कि दूसरे देशों से भारत आने वाले पर्यटक सीधे तौर पर उस पानी को पी सकें।


वियतनाम में सड़क किनारे छोटी-छोटी दुकानों पर बोतलबंद पानी मिलता रहता है, लेकिन इस पानी के बारे में यही सलाह दी जाती है कि सामान्य स्थितियों में इसका प्रयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि पानी बेचने वालों द्वारा टेप वाटर से इन बोतलों को भरा जाता है।


इस यात्रा के दौरान पानी को लेकर कुछ और रोचक बातें सामने आई , जैसे पानी की बोतल लेकर आप हवाई जहाज में सवार नहीं हो सकते, पर आप शराब की बोतल लेकर हवाई यात्रा कर सकते हैं। इसके पीछे शायद यही रणनीति होगी कि शराब लेकर जाइए और अगर शराब के साथ पानी की जरूरत है तो फिर हवाई जहाज के अंदर उसे खरीद लीजिये, जो कि शराब से महंगा है। इस मामले में भारतीयों की जुगाड़ तकनीक का कोई जवाब नहीं है। हम लोगों के पास पानी की जो बोतल थी, पानी पीने के बाद उन्हें खाली कर लिया गया। हमारे कुछ अनुभवी साथियों ने बताया कि यह खाली बोतल अपने पास रखनी है, इसे फेंकना नहीं है। यदि पानी से भरी बोतल होगी तो उसे इमीग्रेशन के बाद चेकिंग काउंटर पर रखवा लिया जाएगा, चूंकि बोतल खाली थी इसलिए उसको जाने दिया।


हम लोग बोर्डिंग पास वाले इलाके में आए तो वहां पर पीने के पानी का इंतजाम था और वहां खाली बोतलों को पानी से लबालब भर लिया। इस तरह हम उस सिस्टम को ठेंगा दिखाने में कामयाब रहे जो शराब की बोतल ले जाने की अनुमति देता है, लेकिन पानी की बोतल ले जाने की अनुमति नहीं देता। अब अगर पैसों के हिसाब से देखें तो दोनों तरफ से हर एक यात्री ने एक लीटर पानी की बोतल का इंतजाम एयरपोर्ट से कर लिया था। इस तरह हरेक ने 800 रुपये बचा लिए । पानी की किल्लत पर हमने अपने गाइड से भी पूछा कि एक तरफ तो वियतनाम दुनिया के उन देशों में शामिल है, जो सर्वाधिक चावल पैदा करते हैं, चावल पैदा करने का सीधा मतलब है कि पानी की उपलब्धता है, लेकिन दूसरी तरफ यह स्थिति है कि लोग पीने के पानी के लिए तरस रहे हैं। गाइड ने बताया कि बड़े शहरों में पानी की गुणवत्ता व्यापक पैमाने पर प्रभावित हुई है इसलिए पानी की कमी महसूस होती है। यहां पानी तो है लेकिन उसकी गुणवत्ता ऐसी नहीं है कि उसे ट्रीटमेंट के बिना सीधे तौर पर इस्तेमाल किया जा सके। प्राकृतिक आधारों को देखें तो भारत और वियतनाम के मौसम में काफी समानताएं नजर आती हैं वियतनाम के ज्यादातर हिस्सों में लगभग 6 महीने तक बारिश होती है। जिस देश में इतनी सारी बारिश होती हो, वहां पीने का पानी का संकट अपने आप में एक बड़ी चिंता का विषय है।


पानी की उपलब्धता कितनी बड़ी परेशानी है इसका अनुमान इस बात से भी लगाया जा सकता है कि किसी भी रेस्टोरेंट या होटल में खाने के साथ निशुल्क पानी उपलब्ध नहीं है। पानी के लिए अलग से पैसा चुकाना होता है। ( पानी की कीमत हमारे पैकेज में शामिल थी, इसलिये हमें इस स्थिति का सामना नहीं करना पड़ा।) यदि आप निशुल्क पानी मांगेगे तो वहां से साफ जवाब मिलता है कि हमारे पास जो पर खुला पानी उपलब्ध है , उसकी क्वालिटी पीने लायक नहीं है। ऐसे में, ग्राहक के पास दूसरा कोई विकल्प नहीं होता। वियतनाम में दूध और पानी की कीमत लगभग बराबर है। वहां दूध की कीमत तो लगभग भारत जैसी है, लेकिन पानी की कीमत भारत की तुलना में ज्यादा होने के कारण दूध और पानी लगभग एक ही दाम पर उपलब्ध होते हैं। और जो मदिरा के शौकीन हैं उनके लिए ये अच्छी खबर है कि कई जगह बीयर भी पानी के दाम पर ही मिल जाती है।