हमसफर पर जाओ और दरवाजे पर डीजल मंगाओ

||हमसफर पर जाओ और दरवाजे पर डीजल मंगाओ||



हमसफर नाम की एक कम्पनी ने एक नायाब तरिका ढूंढ निकाला है। यह कम्पनी लोगों के घर-घर जाकर डीजल उपलब्ध करवायेगी। हमसफर ने उत्तराखंड के औद्योगिक और कृषि क्षेत्र रुद्रपुर में यह व्यवस्था एक ऐप के जरिये शुरू की है। ऐप पर आपको डीजल की मांग करनी होगी और आपके दरवाजे तक डीजल पहुंचाने का काम हमसफर की सेवा त्वरित गति से करेगी। 


बता दें कि कंपनी भविष्य में उत्तराखंड के अन्य क्षेत्रों, कुमाऊं एवं गढ़वाल के अन्य जिलों तथा राज्य की राजधानी देहरादून में भी दरवाजे पर डीजल आपूर्ति की सेवा शुरू करने जा रही है। हालाकि इसका सीधा फायदा उद्योग और किसान समेत ईंधन इस्तेमाल करने वाले अचल उपकरणों को अभी तक रूद्रपुर ही में मिल रहा है।


उल्लेखनीय यह है कि अचल, तिरछे खड़े अथवा जमीन खोदने वाले भारी उपकरणों के लिए डीजल की जिन्हें जरूरत होती है, इस हेतु हमसफर कम्पनी की दरवाजे तक डीजल पहुंचाने की यह सेवा रूद्रपुर में लोागे को खूब भा रही है। किसान, हाउसिंग सोसाइटी, होटल, अस्पताल आदि अन्य उद्योग हमसफर के ऐप का रुद्रपुर के आसपास उधमसिंह नगर, सितारगंज, बाजपुर, गदरपुर, जसपुर, काशीपुर, खटीमा और बाजापुर में लोग इस्तेमाल कर रहे हैं।


रूद्रपुर राज्य का औद्योगिक क्षेत्र है। जहां स्टेट इन्फ्रास्ट्रक्चर इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ उत्तराखंड लिमिटेड (सिडकुल) स्थित है। सिडकुल में टाटा मोटर्स, नेस्ले इंडिया, बजाज ऑटो, डाबर, टीवीएस मोटर, महिंद्रा ट्रैक्टर्स, यूनिमैक्स, पारले एग्रो, अशोक लीलैंड, माइक्रोमैक्स, ब्रिटानिया और डेल्टा पावर जैसी बड़ी कंपनियों के संयंत्र हैं। यही नहीं औधोगिक क्षेत्र के अलावा रूद्रपुर कृषि के मामले में भी समृद्ध है। यहां नकदी फसलें, फल तथा सब्जियां प्रचुर मात्रा में उगाई जाती है। कृषि पर आधारित कई उद्योग, चावल, चीनी एवं अन्य खाद्य प्रसंस्करण उद्योग भी यहां हैं।


फिलहाल हमसफर कम्पनी हरियाणा और नोएडा, दिल्ली, फरीदाबाद एवं गाजियाबाद समेत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में दरवाजे पर डीजल आपूर्ति कर रही है। हमसफर की निदेशक एवं संस्थापक सुश्री सान्या गोयल ने कहा कि अस्पतालों, किसानों और हाउसिंग सोसाइटी को इस मुश्किल वक्त में लगातार डीजल की आपूर्ति करने का मुख्य उद्देश्य है। क्योंकि इससे समय और ट्रैफिक झंझट से लोगो को सुविधा होगी। कहा कि हमसफर के सॉल्यूशन से उपयोगकर्ता अपनी ऐप पर ऑर्डर देते हैं और डीजल की वांछित मात्रा तथा स्थान चुन लेते हैं। उसके बाद 4000 से 6000 लीटर क्षमता वाले ट्रक पेट्रोल पंप से डीजल लेते हैं और आठ घंटे के भीतर बताई गई जगह पर पहुंच जाते हैं। उन्होंने बताया कि मोबाइल फ्यूल डिस्पेंसर के जरिये डीजल को उस ठिकाने तक बिना किसी बरबादी के सुरक्षित तरीके से पहुंचाया जाता है। ट्रकों में जियो-फेंसिंग तकनीक भी लगी है, जिससे उपयोगकर्ता पता लगा सकते हैं कि ट्रक कहां तक पहुंचे हैं। उन्होने कहा कि हमसफर के पास विभिन्न क्षमताओं वाले 18 मोबाइल डिस्पेंसिंग ट्रक हैं और ट्रक के कर्मचारियों के अलावा 35 लोगों की अनुभवी टीम भी है।


हमसफर के सह संस्थापक और और निदेशक (ऑपरेशंस) दिलप्रीत सदाना ने कहा कि डीजल की आपूर्ति को यथासंभव झंझट रहित बनाने के लिए तकनीक का भरपूर इस्तेमाल किया गया है। सही मात्रा और गुणवत्ता के वायदे के साथ ही वे लाइव ट्रैकिंग और ऑटोमेटेड बिलिंग जैसे फीचर भी इस ऐप पर लाए हैं। उनहोंने बताया कि केवल 20 लीटर डीजल की जरूरत वाले ग्राहक भी हमसफर की सेवाएं ले सकते हैं। 2500 लीटर से अधिक के ऑर्डर देने वाले ग्राहक के पास भंडारण के लिए पैसो का लाइसेंस होना चाहिए। डीजल बाजार मूल्य पर दिया जाएगा और आपूर्ति के लिए अलग से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।