||ओलावृष्टी: विधायक श्री रावत ने भेजा जिलाधिकारी को पत्र||
प्रकृति का कोपभाजन है, या कुछ और। समझ में नहीं आ रहा है। ऐसा आजकल उत्तरकाशी के किसान एक दूसरे से बतिया रहे हैं। उनके ऊपर एक तरफ कोरोना की महामारी का संकट मंडरा रहा है और दूसरी तरफ प्रकृति ने उनकी नगदी फसल के ऊपर ओलावृष्टी करके रौंद दिया है। अब जाये तो कहां। कशमकश की इस पीड़ा का उपचार किसी के पास हो तो सही।
इधर यमनोत्री के विधायक केदार सिंह रावत ने जिलाधिकारी उत्तरकाशी को पत्र भेजकर काश्तकारो को मुआवजा देने की बात की है। उन्होने कहा कि जिलाधिकारी तत्काल किसानो को अहेतुक राहत के साथ-साथ फसल बीमा योजनान्र्तगत मुआवजा दिलवाने की शीघ्र कार्रवाई करें। जिलाधिकारी उत्तरकाशी डा॰ आशीष चैहान ने बताया कि उन्होंने राजस्व विभाग को निर्देश कर दिया है। कहा कि 20 अप्रैल के बाद शीघ्र ही ओलावृष्टी की आंकलन रिपोर्ट संकलित की जायेगी और काश्तकारो को नियमानुसार मुआवजा के अन्तर्गत लाया जायेगा।
बता दें कि सीमान्त जनपद उत्तरकाशी के नौंगाव व चिन्यालीसौड़ विकासखण्ड में प्रकृति ने ओलावृष्टी का ऐसा कोहराम बरपाया, जिस कारण खेतीहर किसान अब हाथ मसोसकर ही रह गये है। जैसा की, सेब के पेड़ो पर अच्छी फूलवारी का होना ही अच्छी फसल के संकेत थे। सामने खेतो पर मटर की फसल तैयार थी व अन्य फल इत्यादि देखकर किसानो के चेहरो पर रौनक ढाल रहे थे। बस 14 अप्रैल को ऐसा मनहूस दिन आया कि कुछ घण्टो की ओलावृष्टी ने नगदी फसलो का सफाया ही कर डाला। ऐसे में इन काश्तकारो को सालभर तक आर्थिकी का दंश झेलना पड़ेगा, पाई-पाई के लिए मोहताज होना पड़ेगा।
भाजपा नेता लोकन्द्र बिष्ट ने भी काश्तकारो को मुआवजा दिलवाने की मांग की है। उन्होंने इस बावत राज्यसरकार को पत्र प्रेषित किया है। दिचली के पूर्व जिला पंचायत सदस्य गजेन्द्र सिंह रावत, जिला पंचायत सदस्य अरविन्दलाल, बड़कोट निवासी सामाजिक कार्यकर्ता डा॰ कपिलदेव रावत ने भी नौगांव व चिन्यलीसौड़ विकासखण्ड में पिछले दिनों हुई ओलावृष्टी से काश्तकारो के नुकसान को जिला प्रशासन से मुआवजा की मांग की है। जिले के मुख्य कृषि अधिकारी गोपाल भंडारी ने बताया कि नुकसान की जल्द ही रिपोर्ट मंगाई जा रही है। रिपोर्ट के बाद ही आंकलन लगाया जाएगा कि ओलावृष्टि से कितने काश्तकारों की फसल को नुकसान पंहुचा है।
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