पड़ोसी आदि दिक्कत में , चंदा भेज रहे PM, व् CM को 


|| पड़ोसी आदि दिक्कत में , चंदा भेज रहे PM, व् CM को||

 

सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कोरोना के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में सरकारी विभागों में सबसे पहले बड़ी राशी देने  रास्ता दिखाया था। उन्होंने सहकारी बैंको के प्रॉफिट से, और सहकारी संस्थाओ से 1 करोड़ 21 लाख रुपये का चेक 6 अप्रैल को सौपे था। फिर 13 अप्रैल को ऊर्जा विभाग की सचिव राधिका झा ने 3 करोड़ 65 लाख रुपये दिए हैं। यह विभाग वैसे ही बड़ा विभाग है। 1300 मेगावाट बिजली राज्य में बन रही है। इसका CSR का फण्ड अन्य कंपनियों की तरह 2% कुल लाभ में होता है।



 

व्यक्तिगत देने वालों में ऋषिकेश के सामाजिक कार्यकर्ता भगत राम कोठारी हैं जिन्होंने 11 लाख रुपये सबसे पहले CM रिलीफ फण्ड में दिए थे। सबसे ज्यादा ध्यान तो चमोली गौचर की श्रीमती देवकी भण्डरी ने PM केयर्स में अपने जीवन भर की बचाई हुई 10 लाख रुपये की रकम दान की थीं। इसके लिए राष्ट्रपति जी ने उनकी प्रशंसा की थीं। कई सरकारी विभाग , सरकारी संस्थान हैं जो प्रॉफिट में हैं उनकी नाम लिस्ट में नहीं है। उनके मंत्री, या प्रमुख सचिव या सचिव डॉ रावत के बताये रास्ते पर क्यों नहीं चलते हैं।



 

आज ही सुबह पहाड़ से मुझे बताया गया कि PM केयर्स फंड में 1000, 2000, रुपये ऐसे ऐसे लोग पैसा दे रहे हैं, जिनके पड़ोसी या नज़दीकी राशन , भोजन के लिए दिक्कत में हैं। वह इसलिये इस पैसे को दे रहे हैं ताकि उनकी फोटो आ जाये। या मौहल्ले में नाम हो जाये।

 

ऐसे लोगों को पहले अपना पड़ोस देखना चाहिए, वह खुशहाल होगा , बचा रहेगा। तो उस के ही भविष्य में काम आयेगा। देखा देखी नहीं होनी चाहिए। सामर्थ्य के हिसाब से दान हो। फोटो में मंत्री डॉ रावत , प्रेस क्लब देहरादून में उस सामग्री को देखते हुए जो पत्रकारों,पदाधिकारियों ने वितरण के लिए एकत्र की।