संभावना : 30 अप्रैल तक रहेगा लाॅकडाउन


||संभावना : 30 अप्रैल तक रहेगा लाॅकडाउन||


दुनियां में फैली महामारी के खिलाफ भारतीयों ने जो एकजुटता का परिचय दिया वह काबिलेतारीफ है। मात्र 21 दिन के लाॅकडाउन से कोविड-19 के बढते संक्रमण पर काफी सफलता हासिल हुई है। अभी भी लोगो को सर्तक रहने की अनिवार्यरता बताई गई है, जैसे बार-बार हमारे प्रधानमंत्री लोगो से अपील कर रहे है। 


आज प्रधानमंत्री ने देशभर के मुख्यमंत्रियो से विडियो कान्फ्रेस करके देश की हालात पर चर्चा की हैं। इस दौरान अधिकांश मुख्यमंत्रियों ने लाॅकडाउन को और आगे बढाने की पेशकश की है। फिलहाल 30 अप्रैल तक लाॅकडाउन रहेगा। हालांकि मुख्यमंत्रियों ने लाॅकडाउन को आगे दो सप्ताह तक बढाने की राय दी है। इधर आज तक देशभर में कुल 1035 कोरोना वायरस के पोजेटिव मामले सामने आये है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने भी लाॅकडाउन को और आगे बढाने की बात कही है। संभावना जताई जा रही है कि लाॅकडाउन मई तक जा सकता है।


जानकार भी लाॅकडाउन का समर्थन कर रहे है। राजस्थान, पंजाब, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल में स्थिति काबू में तो है, मगर स्थिति सपष्ट नहीं हुई है। हालांकि लाॅकडाउन को मई तक बढाने की कोई अधिकारिक घोषणा नहीं हुई। फिर भी अहतियात बरतनी ही होगी। वरिष्ठ चिकित्सक डा॰ राजेश पारिख का कहना है कि हम इस महामारी से निजात पाने के लिए दिन-प्रतिदिन प्रगति के पथ पर हैं। बताया गया कि मौजूदा समय में 15000 परिक्षण प्रतिदिन हो रहे है। इस तरह से हम कामयाबी की कगार पर है। चिकित्सको का कहना है कि एक तरफ जांच और दूसरी तरफ सामाजिक दूरियां यानि लाॅकडाउन का पालन करना प्रत्येक भारतीय की जिम्मेदारी होनी चाहिए। जिसे अपने देश के लोग कर भी रहे है। कुलमिलाकार लाॅकडाउन का शख्ती से पालन करना चाहिए।


उल्लेखनीय हो कि कोरोना वायरस का संक्रमण देश में कहीं कम और कहीं ज्यादा असर दिखा रहा है। इसका कारण यह नहीं हुआ कि किसी राजनीतिक पार्टी ने कोराना मुक्त भारत के लिए कोई अद्भुत काम किया किया होगा। यह अतिश्योक्ति नहीं होगी कि जैसे देश के प्रधानमंत्री ने देश की जनता को संबोधित किया वैसे ही लोग एकदम सावधान हो गये। लोग इस बात को मानने के लिए कदापि संकोचित नहीं हुए कि उन्हे क्या करना है। हम सभी को वैसे ही करना था, जैसे प्रधानमंत्री ने देश की जनता से अपील की है।