कोराना संकट : दर्द-ए-मंजर

||कोराना संकट : दर्द-ए-मंजर||


लाइट्स,,,, कैमरा,,,,, ऐक्शन,,,, और वो शुरू हो जाता है..



कभी सोचा है ,,वो कलाकार जो टीवी के ज़रिए लोगों के ड्रॉइंग रूम.. बेडरूम,, यहां तक कि आपके दिलों तक पहुंच जाते हैं... हंसते हुए.. गाते हुए.. नाचते हुए,

 

सबका मनोरंजन करते रहते हैं.. बिना थके.. बिना रुके.. बिना शिकायत करे..बिना नियम के,, दिन हो या रात लगातार शूटिंग करते हैं.. पर अब तो सब बंद है.. अब शूटिंग नहीं हो रही.. जानते हैं अब वो सब क्या कर रहे हैं,,?



अब डर रहे हैं.. उनके चेहरे से हंसी गायब है.. गाने की हिम्मत नहीं हो रही.. पैर थिरकने की बजाए सुन्न पड़े हैं..



 

आगे क्या होगा.. ? ज़िंदा कैसे रहेंगे..? दूध का बिल.. महीने का राशन.. घर का किराया.. बिजली का बिल.. गैस का बिल.. बच्चों की फ़ीस...और भी ढेर सारी ज़िम्मेदारियों का क्या होगा ,,,?



वो डरा हुआ है ,,,,क्यों,,,?



 

क्यूंकि उसकी भी एक सामान्य इंसान जैसी ज़रूरतें होती हैं..।



आप कहेंगे कि डर कैसा.. शूटिंग शुरू होगी तो सब सामान्य हो जाएगा.. और लोगों के काम भी तो बंद हैं.. वो लोग भी अपने ऑफिस.. अपनी दुकान.. अपनी फैक्टरी खुलने का इंतजार कर रहे हैं.. जैसे ही सब खुलेगा.. काम शुरू होगा.. पैसा आएगा.. धीरे धीरे सब ठीक हो जाएगा.. इसमें इतना डरने की क्या बात है.. देखो भाई वैसे तो कलाकार से ज़्यादा स्वाभिमानी और निडर कोई नहीं होता.. चाहे उसके दिल पे कुछ भी गुज़र रही हो.. इसी स्वाभिमान की वजह से वो किसी से कोई शिकायत नहीं करता.. न काम की.. न सम्मान की.. न पैसे की.. और कई बार आत्महत्या तक कर लेता है.. सुना है स्वाभिमानी लोग जब लड़ते लड़ते हार जाते हैं.. तो स्वाभिमान के लिए ख़ुद को ख़तम कर लेते हैं.।



 

इसलिए मुझे अब डर लगता है.. मैं भी एक स्वाभिमानी कलाकार हूं.. मेरा भी परिवार है बच्चे हैं..



आपका ऑफिस खुलेगा तो आपको पिछला बकाया और अगले महीने की सैलरी मिल जाएगी.. आपकी दुकान खुलेगी तो पहले ग्राहक से ही आपकी आमदनी शुरू हो जाएगी.. लेकिन हम शापित कलाकारों को काम करने के तीन महीने बाद पेमेंट मिलता है..



 

ये कहां होता है???



अरे भाई इतना क्यूं चौंक गए.. यहीं भारत में होता है.. मुंबई में.. अरे! ये सच है भाई...



अगर हमने जनवरी में काम किया तो पेमेंट तीन महीने बाद मई में मिलेगा.. तब तक हम अपने चेहरे पे मुस्कुराहट का भाव लिए.. दूध वाले को.. राशन वाले को.. गैस वाले को.. बिजली वाले को.. मकान मालिक को समझाते रहते हैं, मनाते रहते हैं.. इसी को अपनी ज़िन्दगी मानकर हंसते हैं, मुस्कुराते हैं, गाते हैं.. नाचते हैं.. सबका दिल बहलाते हैं.. पर अब दिल बैठा जा रहा है.. दिसंबर में जो काम किया था उसका पैसा अप्रैल में मिलना था.. प्रोड्यूसर का ऑफिस बंद है तो उसने ऑनलाइन पैसा भेजने से भी मना कर दिया..



ऊपर शिकायत क्यूं नहीं करते??? किससे कहें भाई.. ऊपर कोई नहीं है..



 

जनवरी से लेकर अभी तक जो कुछ था उसी से काम चला अब पैसा ख़तम हो रहा है.. बंद की वजह से दिसंबर का पेमेंट कब तक मिलेगा..पता नहीं.. आगे शूटिंग कब शुरू होगी.. पता नहीं.. शुरू होगी तो अभी भी क्या तीन महीने वाला श्राप ही लागू रहेगा कि प्रोड्यूसर इससे भी ज़्यादा महीने वाला कोई नया नियम ले आएंगे.. पता नहीं.. हम लोगों की एसोसिएशन???



 

भाई है तो ,,पर.. आज तक कुछ क्यों नहीं हुआ ?,, पता नहीं... !!



हर बार आत्महत्या से ही नहीं मरता कलाकार.. ग्लानि से भी मरता है.. काम न मिलने की छटपटाहट से भी मरता है.. परिवार की उम्मीदों से भी मरता है..

और हां.. डिप्रेशन.. हार्ट अटैक.. कैंसर और भूख से भी मरता है कलाकार...



जब एक कलाकार भी औरों की तरह सामान्य मौत मर सकता है... तो औरों की तरह सामान्य ज़िन्दगी क्यों नहीं जी सकता... औरों की तरह हर महीने अपना पैसा क्यूं नहीं पा सकता!!!?



प्रोड्यूसर सर,, जानता हूं आप हमारी तरह मजबूर नहीं हैं.. आप पैसे वाले हैं .. आपकी तरफ़ ही उम्मीद से देख रहे हैं कलाकार कि कब हमारा पैसा मिलेगा..



 

और आप ,,,?? अरे आप तो हम आर्टिस्टों के लीडर हैं सर.. आपकी तरफ़ भी उम्मीद से देख रहे हैं कि आप हमारे लिए कब आवाज़ उठाएंगे..



और आप ,,,??,,.आप तो देश के लीडर हैं, क्या आप हमारी सुनेंगे मंत्री जी...!!!



आप सब भी स्वाभिमानी तो होंगे न सर.. एक स्वाभिमानी दूसरे स्वाभिमानी के लिए इतना तो कर ही सकता है.. कि वो ज़िंदा रहे.. कम से कम अपनी कला के लिए.. अपने अंदर के कलाकार के लिए.. नहीं कर सकते सर !!!!??.. तो हमारे लिए इतनी प्रार्थना कर देना.. हम भले मर जाएं, हे ईश्वर!.. पर हमारा स्वाभिमान जिंदा रहे...



 

( आप आर्टिस्ट हैं या नहीं पर यदि बात सही लगे तो कॉपी करके आगे बढ़ाने में मदद करें)



सिनेमा कलाकार दीपक बंगवाल की वाल से साभार