हिमाचल का मड़ावग सेब के दम पर बना एशिया का सबसे अमीर गांव

||हिमाचल : मड़ावग सेब के दम पर बना एशिया का सबसे अमीर गांव||



 


हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले की चौपाल तहसील में बसा मड़ावग गांव अपनी अमीरी के लिए दुनिया भर में चर्चा में है. मड़ावग के किसानों ने अपनी मेहनत और लगन से अपने गांव को एशिया का सबसे अमीर गांव बना दिया है ! इस गांव की आबादी लगभग 2000 है ! गांव के सभी लोग सेब की खेती ही करते हैं ! यहां सालाना करीब 7 लाख पेटी सेब का उत्पादन होता है!यह गांव शिमला से 92 किलोमीटर की दूरी पर 7774 फीट की ऊंचाई पर बसा है!



 

● यहां सेब के इन किस्मों की होती है पैदावार



यहां राॅयल एपल, रेड गाेल्ड, गेल गाला जैसी कई किस्में पैदा की जाती हैं ! यहां प्रत्येक परिवार की आमदानी सालाना 75 लाख रुपये के करीब है !



 

इस गांव में सबसे उत्तम किस्म का सेब उगाया जाता है ! यहां राॅयल एपल, रेड गाेल्ड, गेल गाला जैसी कई किस्में पैदा की जाती हैं ! यहां प्रत्येक परिवार की आमदानी सालाना 75 लाख के करीब है ! आपको यह जानकार अचरज होगा कि यहां 1980 के दशक तक सेब का नामोनिशान तक नहीं था !



 

● बाजार का भाव इंटरनेट से पता करके अपने सेब की तय करते हैं कीमत



गांव के किसान अपनी खेती में नई तकनीक का इस्तेमाल करते हैं ! इंटरनेट के जरिये देश विदेश के बाजार भाव की जानकारी हासिल करके वे अपने सेब का दाम लगाते हैं ! आज यह गांव पूरे देश में किसानों के लिए रोल मॉडल बन चुका है !



 

● दुनियाभर में भेजे जाते हैं 15 लाख बॉक्स सेब



मड़ावग गांव में बीती सदी के 80 के दशक तक सेब का नामोनिशान तक नहीं था ! इस गांव के किसान हीरा सिंह डोगरा पहली बार 1990 में सेब का पौधा लेकर आए थे !उनकी सफलता देखकर धीरे-धीरे पूरा गांव ही सेब का उत्पादन करने लग गया. आज मड़ावग सहित पूरी पंचायत से 12 से 15 लाख बॉक्स सेब हर साल दुनियाभर में जाता है !

 

●मड़ावग गांव से पहले गुजरात के कच्छ जिलर में स्तिथ माध्वपर गांव एशिया का सबसे अमीर गांव रह चुका है । इससे पहले 1982 में भी शिमला जिले का क्यारी गांव एशिया का सबसे अमीर गांव रह चुका है ।