||अदा||
तुम्हारी अदासबको यूँ भाये !जैसे भूखा कोईभोजन पाये !!मिलने को भरे आहेंआलिंगन को फैलाये बाहें !तारीफ किये बिनाकोई न रह पाये!!
देख तेरी कोमलकमसिन काया !सभी के नयनों नेतुमको सहराया !!
काश! कौन शख्स होगा?जिसने इस खूबसूरत ताज परअपना ध्वज फहराया।