कौआ चला हंस के चाल


||कौआ चला हंस के चाल||


28 सितम्बर को धाद नाट्य मंडल अपने नाट्य महोत्सव यात्रा की शुरुआत कर दी है जो मार्च 2020 तक राज्य के विभिन्न स्थलो पर नाटको का मंचन करते हुए आगे बढेगी। धाद नाट्य मंण्डली के संयोजक कैलाश कण्डवाल ने जानकारी दी कि यह नाट्य यात्रा महोत्सव अपने पिछले दस सालों में किये गए बहुचर्चित नाटकों का पुनर्प्रदर्शन है।


धाद नाट्य महोत्सव यात्रा की शुरुआत आज ग्रफिक ऐरा हिल यूनिवर्सिटी देहरादून से की गयी है। नाटक था कौवा चला हंस की चाल। इस नाटक  के लेखक थे मौलिएरे और नाटक का निर्देशन किया कैलाश कंडवाल ने। नाटक के सभी पत्रों ने अपना अपना अभिनय बखूबी निभाया है। मुख्य केंद्रीय पात्र पंकज उनियाल ने दर्शकों की सबसे ज्यादा वाह वाही लूटी। 


निर्देशक कैलाश कंडवाल ने बताया की उनका ये नाट्य यात्रा महोत्सव हर महीने एक नाटक के रूप में जारी रहेगा और मार्च 2020 में विश्व रंग दिवस पर समापन होगा। नाट्य प्रदर्शन के अवसर संजय जसोला उप कुलपति ग्राफिक ऐरा हिल यूनिवर्सिटी मुख्या अथिति के रूप में उपस्थित थे और हाल विद्यार्थियों और अध्यापकों से खचा खच्च भरा था। नाटक में पंकज उनियाल, मिनाक्षी जयल, प्रताप सिंह, मेघा पंत, ज्योति शर्मा, मीनाक्षी गुप्ता, सूर्य मेहता, कैलाश कंडवाल, मनीष गुप्ता, साहिल राजपूत, अभिषेक नौटियाल और भीम सिंह ने शानदार अभिनय से दर्शको को उठने का मौका तक नहीं दिया।


कसा हुआ अभिनय और संवादो से कई बार दर्शक हास्य-व्यंग्य की ओर जा रहे है और कई बार दर्शको को क्रोध का भान होता है। सफल निर्देशन और कुशल अभिनय का परिचय कराता यह नाटक फिर से दर्शको को देखने की ओर लालायित करता यह नाटक।