चुनाव जीत गये, कुछ हार गये, मगर हिसाब चुकता नहीं किया

||चुनाव जीत गये, कुछ हार गये, मगर हिसाब चुकता नहीं किया||


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नगर निकायों के चुनाव हुए दो साल का समय बितने वाले हैए पर चुनाव जीत चुके जनप्रतिनिधि और हार चुके उम्मीदवारो ने अब तक चुनाव का लेखा जोखा चुनाव कार्यालय में जमा नहीं किसा है। निर्वाचन आयोग ने एक फतवा जारी करते हुए कहा कि स्थानीय निकायों के चुनाव में उम्मीदवारी करने वाले सभी को अविलम्ब हिसाब करना होगा।
राज्य निर्वाचन आयुक्त चन्द्रशेखर भट्ट ने कहा कि आय-व्यय के हिसाब-किताब की जिम्मेदारी उमुक प्रत्याशी की होगी, जिसने नगर निकायों में जनप्रतिनिधि बावत अलग-अलग पदो हेतु चुनाव में हिस्सा लिया। उन्होने बाकायदा आदेश के साथ साथ संवैधानिक दस्तावेज भी जारी किया है। कहा कि आय-व्यय का हिसाब नागरिको को समय पर जमा किया जाये।


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राज्य निर्वाचन आयोग, उत्तराखण्ड निर्वाचन भवन, लाडपुर, मसूरी बाईपास, रिंग रोड, देहरादून। टैलीफैक्स : 0135-2670998, 2678945


संख्याः -3067 /रा0नि0आ0-3/2763/2019 देहरादूनः दिनांक:0S नवम्बर,2019


आदेश


नागर स्थानीय निकायों के निर्वाचनों को स्वच्छ, निष्पक्ष, स्वतंत्र रूप से संचालित करने के लिये राज्य निर्वाचन आयोग, उत्तराखण्ड द्वारा आदेश संख्या-846/रा0नि0आ0/ लेखा अनु0/55/2002 दिनांक 01, जनवरी, 2003 द्वारा "अधिकतम निर्वाचन व्यय और उसकी लेखा प्रस्तुति आदेश, 2003" जारी किया गया था जिसे अवक्रमित करते हुए "भारत का संविधान" के अनुच्छेद 243 य क तथा उत्तर प्रदेश नगर पालिका अधिनियम-1916 (उत्तराखण्ड में यथा प्रवृत्त) की धारा 13-छ के खण्ड (थ) एवं उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम-1959 (उत्तराखण्ड में यथा प्रवृत्त) की धारा 46 के खण्ड (न) के अधीन प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए उत्तराखण्ड राज्य की नागर स्थानीय निकायों के निर्वाचनों में भाग लेने वाले उम्मीदवारों द्वारा निर्वाचन हेतु धनराशि व्यय करने के सम्बन्ध में आदेश दिया जाता है कि:


(1) यह आदेश "अधिकतम निर्वाचन व्यय और उसकी लेखा प्रस्तुति आदेश, 2019" कहा जायेगा।


(2) यह आदेश सम्पूर्ण उत्तराखण्ड राज्य के नागर स्थानीय निकायों के निर्वाचन हेतु से लागू होगा।


(3) यह आदेश तुरन्त प्रभावी होगा।


2. अधिकतम निर्वाचन व्यय इस. आदेश के अनुलग्नक-1 के स्तम्भ-2 में वर्णित पदों के .. उम्मीदवारों द्वारा स्तम्भ-3 में उल्लिखित सीमा से अधिक नहीं किया जायेगा।


3. (1) नाग़र स्थानीय निकायों के निर्वाचन में स्वयं उम्मीदवार (निर्विरोध निर्वाचित उम्मीदवार सहित) द्वारा या उसके अभिकर्ता द्वारा किये गये या प्राधिकत कर कराये गये सम्पूर्ण व्ययों का । प्रथम शुद्ध लेखा स्वयं उम्मीदवार द्वारा या उसके अभिकर्ता द्वारा रखा जायेगायह लेखा नामांकन Ah के दिनांक तथा उसके परिणाम घोषित होने के दिनांक के मध्य (दोनों तिथियों को सम्मिलित करते हये) किये जाने वाले व्ययों का होगानिर्वाचन से सम्बन्धित यह लेखा विवरण इस आदेश में दिये गये अनुलग्नक-2 (दिन-प्रतिदिन का लेखा) तथा अनुलग्नक-3 (मदवार व्यय का विवरपा) मेंनिर्धारित प्रारूप के अनुसार रखा जायेगाइसमें दिन-प्रतिदिन के व्यय के हर एक मद के विषय में निम्नलिखित विवरण होंगे:


(क) वह दिनांक जिसको व्यय किया गया या प्राधिकृत किया गया।


(ख) व्यय की प्रकृति (उदाहरण के लिये यात्रा. डाक या मुद्रण और अन्य इसी प्रकार का व्यय


(ग) व्यय की धनराशि (अ) भुगतान की गयी धनराशि (ब) अवशेष धनराशि (घ) भुगतान का दिनांक, (ङ) पाने वाले का नाम व पता, (च) भुगतान की गई धनराशि की दशा में वाउचरों का क्रम संख्यांक, (छ) अवशेष धनराशि की दशा में बिल संख्या, यदि कोई हो. (ज) उस व्यक्ति का नाम और पता जिसको अवशेष धनराशि देय हो(2) व्यय की हर मद के लिये वाउचर प्राप्त किया जायेगा सिवाय तब जबकि डाक व्यय या रेल द्वारा या उसी तरह के मामलों में जिसमें मामले की प्रकृति के कारण वाउचर प्राप्त करना व्यवहारिक रूप से सम्भव नहीं है(3) समस्त वाउचर उम्मीदवार या उसके निर्वाचन अभिकर्ता द्वारा भुगतान के दिनांक के क्रम में रखे जायेगें और क्रम संख्याकित किये जायेगें तथा निर्वाचन व्ययों के लेखे के साथ दाखिल किये जायेगें और ऐसे क्रम संख्याकन उप प्रस्तर (1) में उल्लिखित लेखे के मद (च) के अन्तर्गत दर्ज किये जायेगें(4) उप प्रस्तर (1) की मद (ङ) में वर्णित विशिष्टियाँ/विवरण व्यय की उन मदों की बाबत देनी आवश्यक न होंगी जिनके उप प्रस्तर (2) के अधीन वाउचर प्राप्त नहीं किये गये हैं। 4. लेखाओं के निरीक्षण के लिये जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा सूचना-जिला निर्वाचन अधिकारी उस दिनांक से जिसको निम्नांकित व्ययों का लेखा उम्मीदवार द्वारा दाखिल किया गया है, दो दिन के भीतर एक सूचना जिसमें :


(क) वह दिनांक जिसमें लेखा दाखिल किया गया है, (ख) उम्मीदवार का नाम, तथा (ग) वह समय और स्थान, जिसमें ऐसे लेखा का निरीक्षण किया जा सकेगाविनिर्दिष्ट हो, अपने सूचनापट्ट पर लगायेगें। 5. लेखाओं का निरीक्षण और उनकी प्रतियाँ प्राप्त करना- कोई व्यक्ति दस रूपये की फीस का भुगतान करके ऐसे किसी लेखा का निरीक्षण करने का हकदार होगा और ऐसी फीस के भुगतान पर, जैसा राज्य निर्वाचन आयोग नियत करे, ऐसे लेखा या उसके किसी भाग की प्रमाणित प्रतियाँ प्राप्त करने का हकदार होगा


6. (1) किसी निर्वाचन में निर्वाचन व्ययों के लेखाओं के दाखिल के लिये चुनाव परिणाम की घोषणा के इस आदेश के प्रस्तर-8 में निर्धारित समय की समाप्ति के तुरन्त बाद जिला निर्वाचन अधिकारी (नागर स्थानीय निकाय) एक रिपोर्ट राज्य निर्वाचन आयोग को देगा, जिसमें निम्नलिखित बातों का उल्लेख होगा:(क) हर एक निर्वाचन लड़ने वाले उम्मीदवार का नाम, उम्मीदवार ने अपने निर्वाचन व्ययों का लेखा दाखिल कर दिया है या नही और यदि कर दिया है तो उसका दिनांक, (ग) लेखा निर्धारित समय के अन्दर और निर्धारित प्रपत्रों के अनुसार दाखिल किया गया ? है या नहीं?


(2) जहॉ जिला निर्वाचन अधिकारी (नागर स्थानीय निकाय) की यह राय है कि किसी उम्मीदवार का निर्वाचन व्ययों का लेखा इन नियमों द्वारा अपेक्षित रीति में दाखिल नहीं किया गया है वहॉ वह ऐसी प्रत्यक आख्या के साथ उस उम्मीदवार के निर्वाचन व्ययों के लेखों और उसके साथ दाखिल वाउचरों को राज्य निर्वाचन आयोग को भेजेगा। जिला निर्वाचन अधिकारी (नागर स्थानीय निकाय) उप प्रस्तर-(1) में निर्दिष्ट आख्या प्रेषित करने के तत्काल पश्चात् उसकी प्रति अपने सूचनापट्ट पर लगाकर उसका प्रकाशन करेगा। राज्य निर्वाचन आयोग उप प्रस्तर-(1) में निर्दिष्ट आख्या की प्राप्ति के पश्चात् यथाशीघ्र उस पर विचार करेगा और यह विनिश्चय करेगा कि क्या कोई निर्वाचन लड़ने वाला उम्मीदवार(निर्विरोध निर्वाचित उम्मीदवार सहित) व्ययों का लेखा उस समय के अन्दर और उसी रीति में, जो कि इन नियमों द्वारा अपेक्षित है, दाखिल करने में असफल रहा या नहीं। (5) जहाँ कि राज्य निर्वाचन आयोग यह विनिश्चित करता है कि निर्वाचन लड़ने वाला कोई उम्मीदवार निर्वाचन व्ययों का अपना लेखा उस समय के अन्दर और उस रीति में, जो इस आदेश द्वारा अपेक्षित है, दाखिल करने में असफल रहा है, वहाँ वह उस उम्मीदवार को लिखित कारण बताओ नोटिस देगा कि क्यों न इस असफलता पर उसे अनर्ह कर दिया जाय।


(6) ऐसा कोई निर्वाचन लड़ने वाला उम्मीदवार जिसे उप प्रस्तर (5) के अधीन कारण बताओ नोटिस दिया गया है, उस नोटिस की प्राप्ति के 20 दिन के भीतर इस विषय में लिखित आवेदन राज्य निर्वाचन आयोग को दे सकता है और उस आवेदन की एक प्रति और निर्वाचन व्ययों का पूरा लेखा जिला निर्वाचन अधिकारी को भी प्रेषित करेगाजिला निर्वाचन अधिकारी (नागर स्थानीय निकाय) उस आवेदन की प्राप्ति के पाँच दिन के अन्दर आवेदन की प्रति और यदि कोई लेखा हो तो ऐसा लेखा अपनी टिप्पणियों सहित राज्य निर्वाचन आयोग को प्रेषित करेगा। (8) यदि उम्मीदवार द्वारा प्रेषित किये गये आवेदन पर और जिला निर्वाचन अधिकारी(नागर स्थानीय निकाय)द्वारा की गई टिप्पणियों पर विचार करने के पश्चात् और ऐसी जॉच करने के पश्चात जैसी वह ठीक समझे, राज्य निर्वाचन आयोग को यह समाधान हो जाता है कि उम्मीदवार के पास अपना लेखा दाखिल करने में असफलता के लिये कोई उपयक्त कारण या न्यायिक औचित्य नहीं है तब वह उस उम्मीदवार को आदेश के दिनांक से तीन (03) वर्ष के लिये अनर्ह घोषित करेगा और आदेश को शासकीय राजपत्र में प्रकाशित करवायेगा.


(1) प्रत्येक उम्मीदवार अपने परिणाम घोषित होने के तीस (30) दिन के भीतर या यदि वह एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों से लड़ रहा है तो उनमें अन्तिम निर्वाचन परिणाम ::4की घोषणा की दिनांक से तीस (30) दिन के भीतर अपने निर्वाचन व्ययों का ब्योरा जिला निर्वाचन अधिकारी (नागर स्थानीय निकाय) को प्रस्तुत करेगा। निर्वाचन व्ययों का यह ब्योरा निर्वाचन व्ययों की सत्यापित प्रति होगी जो कि उसने स्वयं या उसके अभिकर्ता द्वारा रखी गयी है। प्रत्येक उम्मीदवार निर्वाचन व्यय का लेखा प्रस्तुत करते समय एक शपथ-पत्र, जैसा अनुलग्नक-4 में दिया गया है, भी जिला निर्वाचन अधिकारी को प्रस्तुत करेगा। शपथ-पत्र में वह यह स्पष्ट उल्लेख करेगा कि प्रारूप के भाग-3 में सूचीबद्ध मदों में दर्शाया गया व्यय शून्य है, यदि उसमें कोई रिक्ति है, शपथ-पत्र में यह भी स्पष्ट रूप से उल्लेख करेगा कि उससे सम्बन्धित सूचीबद्ध मदों में सम्पूर्ण निर्वाचन व्यय को उक्त विवरण में पूर्णतः और स्पष्ट रूप से सम्मिलित किया गया है और निर्वाचन में किया गया कोई व्यय छिपाया नही गया है।


निर्वाचन 8. प्रत्येक उम्मीदवार द्वारा प्रस्तुत व्यय की विवरणी में "समस्त” निर्वाचन व्ययों का सही लेखा दिखाना है, इसलिये जिला निर्वाचन अधिकारी (नागर स्थानीय निकाय) व्यय विवरणी निर्धारित रीति के अनुसार होने पर उम्मीदवार का लेखा स्वीकार करने से पूर्व उसकी ऐसी जॉच करा सकता है जिसे वह आवश्यक समझेजिला निर्वाचन अधिकारी (नागर स्थानीय निकाय) यथापेक्षित अपनी सूचना आयोग को देते समय यह सत्यापित करेगा कि लेखा विवरण रीति में है। यह उम्मीदवार द्वारा प्रस्तुत एवं सत्यापित विवरण तथा दस्तावेजों को आयोग के निमित प्रमाणित करके भेजेगा9. आयोग उपर्युक्त प्रक्रिया से प्रस्तुत किये गये विवरणों की प्रमाणिकता की जॉच करा सकता है और उम्मीदवार की किसी चूक या गलत सूचना के लिये उसे व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी ठहरा सकता है संलग्नक-उपरोक्तानुसार।


( चन्द्रशेखर भट्ट) राज्य निर्वाचन आयुक्त।