लक्ष्मण गंगा

||लक्ष्मण गंगा||


भ्यूंडार घाटी को फूलों की घाटी के नाम से भी जाना जाता हैउसके शीर्ष में समुद्रतल से लगभग 4,329 मीटर की ऊँचाई पर लोकपाल (हेमकुण्ड) है। सात पहाड़ियों (सप्तश्रृंग पर्वत) से घिरे क्षेत्र में एक विशाल झील है। पूर्व में स्थानीय लोग इसे गुंकुण्ड (अर्थात् बर्फ का कुण्ड) कहते थे। वर्तमान में यही कुण्ड हेमकुण्ड नाम से जाना जाता है। कुण्ड के किनारे लोकपाल अर्थात् लक्ष्मण का प्राचीन मन्दिर है। इस स्थान पर सिक्खों के दसवें गुरु गुरुगोविन्द सिंह द्वारा साधना करने की मान्यता से इसका महत्व और बढ़ गया है।


सिक्खों का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल बन जाने से यहां प्रतिवर्ष लाखों सिक्ख यात्री आते हैंहेमकुण्ड से लक्ष्मण गंगा प्रवाहित होकर घांघरिया में पुष्पावती नदी को अपने में समाहित करती है। इसके बाद यह नदी भ्यूंडार घाटी के सौन्दर्य में सराबोर होकर अलकनन्दा नदी में गोविन्द घाट में मिलती है।


भ्यूंडार गांव इस घाटी का महत्वपूर्ण गांव है। यहां पर भ्यूंडार गंगा लक्ष्मण गंगा से मिलती है। हाथी-घोड़ी हिमश्रृंखला से लगे राजखर्क ग्लेशियर से भ्यूंडार गंगा का उद्गम होता है। घाटी का सम्पूर्ण प्राकृतिक सौन्दर्य मन को अभिभूत करता है। भ्यूंडार घाटी में भ्यूंडार गंगा के दोनों छोरों पर बुरांश के वृक्षों की भरमार है। बसन्त ऋतु में सम्पूर्ण क्षेत्र बुरांश के लाल फूलों से ढक जाते हैं। भ्यूँडार गांव की भूमि में अनेक प्राकृतिक गुफाएं हैं, जिनमें स्थानीय लोगों की बकरियाँ तथा मवेशी रहते हैं। इन्हीं प्राकृतिक गुफाओं (उड्यार) के कारण इस गांव का नाम भ्यूँडार पड़ायहाँ के लोग लोकपाल क्षेत्र में लक्ष्मण जी के पुजारी हैं। प्रतिवर्ष श्रद्धापूर्वक इस गांव के लोग नया अनाज चढ़ाने तथा पूजा करने हेमकुण्ड स्थित लक्ष्मण मन्दिर में जाते हैं। यहाँ पर गुरुद्वारा, अनेक विभागों के पर्यटक आवास गृह तथा स्थानीय लोगों के होटल तथा रेस्तरां बन चुके हैं।


घांघरिया से ही एक मार्ग फूलों की घाटी को तथा दूसरा मार्ग हेमकुण्ड (लोकपाल) को जाता है। इस घाटी में प्रकृति के चितचोर रूप पर भला कौन मंत्रमुग्ध नहीं होगा। फूलों की घाटी में विख्यात प्रकृति प्रेमी जान मारगेट की समाधि है, जो पर्यटकों एवं तीर्थयात्रियों के लिए प्रेरणा का सोत है।


 


स्रोत - उतराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में मानव संसाधन विकास मंत्री भारत सरकार रमेश पोखरियाल निशंक की किताब ''विश्व धरोहर गंगा''