नवलेखा के मार्फत आनलाइन दिखना चाहते है।

||नवलेखा के मार्फत आनलाइन दिखना चाहते है||


देहरादून में गूगल द्वारा आयोजित नवलेखा परियोजना के तहत वेब पोर्टरो के साथ एक दिवसीय कार्याशाला हुई। कार्याशाला में आफ लाईन और आन लाईन के नफा नुकसान के बारे में बताया गया। यह भी जानकारी प्रस्तुत की गई कि भारत देश में भारतीय भाषाओं का बड़ा स्कोप है जिसे पाठक अब आन लाईल पढना चाहते है। 


इस दौरान गूगल भारत कार्यालय आई प्रशिक्षक गिरीजा ने बताया की अपने देश में सवा करोड़ लोगो में 68 प्रतिशत लोग आन लाईन पढना चाहते हैं। यही नहीं 10 में से नौ लोग भारतीय भाषाओं को गूगल में रोज सर्च करते हैं। वे बता रही थी कि 460 मिलिएन लोग प्रति माह इंटरनेट पर एक्टिव रहते हैं। जबकि 1000 में 400 लोगो के पास स्र्माटफोन है, और 32 मिलिएन लोग रोजाना आन लाइन न्यूज देखते हैं।


इसके अलावा उन्होने आनलाइन और आफलाइन के फायदे बताये और न्यूज को प्रस्तुत करने के तरीको को बताया कि न्यूज, आलेख या समसामयिक जैसी सामग्री में गुणवत्त होनी आवश्यक है। पश्चात इसके सामग्री का स्रो और विश्वसनीयता को होना भी आवश्यक है।


बताया गया कि गूगल सर्च इंजन उसी सामग्री को स्थान देता है जो तरोताजी हो, अध्यनात्मक हो और विश्वसनीय हो। अच्छा हो हमारी सामगी इन सभी प्रकारो से लैस हो। उन्होने गूगल की बारीकियों से भी प्रशिक्षाणार्थियों को अवगत करवाया। बेवसाइट से राजस्व कैसे प्राप्त किया जाता है उसके तौर-तरीको को उदाहरण देकर एवं पावरप्वांइट के मार्फत प्रस्तुत किया है।


इस दौरान गूगल की गुड़गांव कार्यालय की टीम और गूगल देहरादून की टीम से मनन आनन्द, राहुल व सन्नी तथा पत्रकार संगठन के प्रदेश अध्यक्ष मनमोहन लखेड़ा भी मौजूद रहे है।