रचना ऐसी कि जो सबके मनभावे


||रचना ऐसी कि जो सबके मनभावे||


जी हां। पहाड़ से गंगा का जब प्रवाह मैदानो की तरफ होता है तो मैदानो की वह धरती ऊर्वरक बन जाती है। ऐसे ही वकाया यहां आया है। पहाड़ की रचना, यानि रचना बहुगुण तिवारी जो उतराखण्ड पहाड़ से चलकर ठेट पंहुच गई उतरप्रदेश के लखीमपुरी खीरी के पास पलिया में। वहां रचना बहन ने पहले पहल शिक्षा का दिया जलाया। वह मौजूदा समय में उदयमान हो चुका है। अब ठान ली भूखे पेट को भोजन करवाना। यह भी क्रमागत हो गया।


ज्ञात हो कि देशभर में आज भूखे पेट सोने वालो की संख्या कम नहीं है। मगर भूखे पेट में कोई अन्न की व्यवस्था कर दे उनकी संख्या सच में बहुत ही कम है। पर रचना का रचनाधर्म कहां मानने वाला था। रच डाला भूखे को भोजन करवाने की कहानी। और यह कहानी नही अपितु सच है।


बता दें कि लखीमपुर खीरी के तहसील पलिया के अंतर्गत थाना भीरा के एक मोहल्ले सलावतनगर में पहली बार विकलांगों, अपाहिज एवं असहायों के लिए 25 मार्च 2019 से एक समय खाने की व्यवस्था महाराजा अग्रसेन अकैडमी की संचालिका रचना तिवारी बहुगुणा ने कर डाली है। अब वहां सांय को निशक्तजन, अहसाय, विकलांग आदि जो दिनभर भूखे रहते थे और रात में भी भूखे सोने को मजबूर थे जैसे लोग प्रतिदिन शाम को 6 बजे से रात्री के 8 बजे तक लंगर में खाना पा कर चैन की नींद सो रहे हैं।


उल्लेखनीय यह है कि लखीमपुरीखीरी, पलिया व सलावतनगर के आसपास यदि किसी को निशक्तजन, अहसाय, विकलांग स्त्री-पुरूष दिखाई दे जो भरपेट भोजन का जुगाड़ नहीं कर सकते हैं तो उन्हें सलावतनगर में महाराजा अग्रसेन अकैडमी की संचालिका रचना तिवारी बहुगुणा रात्री का भरपेट भोजन करवा देगी। बशर्ते उन्हे 9956690954 इस नम्बर पर सम्र्पक करना होगा।


गौरतलब यह है कि रचना तिवारी स्कूल प्रबंधन से समय निकालकर और अपने बेटे के साथ मिलकर इस मुहिम में जुट जाती है। स्थानीय राजलक्ष्मी बेकरी प्रोडक्ट्स के मालिक व भीरा के प्रतिष्ठित व्यापारी राजेश अग्रवाल भी इसी मुहिम में स्वयं हाथ बंटाते है।


रचना की बहुरचनाऐं


रचना बहन बताती है कि वे पूरी कोशिश कर रही है कि उनके क्षेत्र में कोई भूखा ना सोये। वे अभी फिलहाल 50 लोगों को प्रतिदिन भोजन करवाने का कार्यक्रम चला रही है। भविष्य यह एक अभियान बने, ऐसी कल्पना है। वे कहती है कि इस प्रयास के साथ उन्हे सभी के योगदान की आवश्यकता है।