सीएम पत्नी मामले में आयोग ने चलाया चाबुक


||सीएम पत्नी मामले में आयोग ने चलाया चाबुक||


 बगैर विभागीय अनुमति करोड़ों रूपये की भूमि खरीदने का है मामला।
 श्रीमती रावत है एक सरकारी शिक्षिका।
 राजभवन/शासन के निर्देश पर भी विभाग नहीं कर रहा था कार्यवाही।
 सूचना आयोग ने दिये सूचना उपलब्ध कराने के निर्देश।


(विकासनगर)


मोर्चा कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता करते हुए जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि मुख्यमन्त्री श्री त्रिवेन्द्र रावत की धर्मपत्नी श्रीमती सुनीता रावत ने बिना विभागीय अनुमति के करोड़ों रूपये मूल्य की भूमि खरीदी थी, जिसको लेकर मोर्चा द्वारा राजभवन व शासन में शिकायत दर्ज करायी गयी थी। राजभवन के निर्देश, जुलाई 2018 पर शासन ने शिक्षा निदेशालय को कार्यवाही के निर्देश जारी किये थे तथा उक्त निर्देश के क्रम में निदेशालय द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी, देहरादून को कार्यवाही के निर्देश जारी किये गये। उक्त मामले में कोई कार्याही नहीं की गयी थी, चूँकि मामला मुख्यमन्त्री की पत्नी का था तथा श्रीमती रावत रायपुर ब्लाॅक के उच्च प्राथमिक विद्यालय में शिक्षिका हैं। सरकारी सेवक को भूमि/भवन इत्यादि खरीदने से पहले विभागीय अनुमति लेनी आवश्यक होती है।


उक्त मामले में कोई कार्यवाही न होने से खफा होकर मोर्चा के जिला मीडिया प्रभारी प्रवीण शर्मा पीन्नी ने सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाया। आयोग में अपनी बात रखने से पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी व निदेशक, शिक्षा से उक्त मामले में हुई कार्यवाही की जानकारी माँगी गयी, लेकिन इन अधिकारियों द्वारा वफादारी दिखाते हुए यह उल्लेख कर सूचना देने से इन्कार कर दिया कि ये उनकी (श्रीमती रावत) की व्यक्तिगत सूचना है। श्रीमती रावत द्वारा कर्मचारी आचरण नियमावली 1956 का उल्लघंन किया गया था।


उक्त मामले में मा0 सूचना आयुक्त श्री जे0पी0 ममंगाई ने गम्भीरता दिखाते हुए जिला शिक्षा अधिकारी, देहरादून को 3 सप्ताह के भीतर सूचना उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं।


पत्रकार वार्ता में:- दिलबाग सिंह, सुशील भारद्वाज, जयकृत नेगी, प्रदीप कुमार आदि थे।
(रघुनाथ सिंह नेगी)