शहीद होतेहैं जवान

शहीद होतेहैं जवान



देश की आन पर शहीद होते हैं जवान,
खुद के लिये कभी जीते नहीं, सब देश हित में कुर्बान।
नींद उनको भी आती है, मगर सोते नहीं,
याद में प्रियजनों की वे रोते नहीं।
ऐसा नहीं की आंसू उनके सूख गए,
हमारी जिम्मेदारी में वे रोना भूल गए।
कर्तव्यनिष्ठा, साहस, शौर्य, है उनकी पहचान।
देश की आन पर शहीद होते हैं जवान।।
हो मौसम की बेरूखी, या हो अपनों से दूरी,
इरादे कमजोर नहीं, मजबूत हुए।
हौंसला रहा बुलंद, सीमा पे हरदम डटे रहे,
न डिगा सकी मृत्यु उनको, खडे़ रहे सीना तान।
देश की आन पर शहीद होते हैं जवान।।
चारों ओर अंधेरा हो, दुश्मन ने चाहे घेरा हो,
लोहे के चने चबाते हैं, सीने पे गोली खाते हैं।
तिरंगे में लिपटकर आना है उनकी शान।
देश के लिए शहीद होते हैं जवान।।



नोट-यह कविता काॅपीराइट के अंर्तगत आती है, कृपया प्रकाशन से पूर्व लेखक की संस्तुति अनिवार्य है।