मीडिया के आचरण पर ही बातचीत

||मीडिया के आचरण पर ही बातचीत||


अचानक हुई एक और मुलाकात । आज 2 दिसम्बर 2019 को सवेरे लगभग 8 बजे देहरादून के इलैक्ट्रानिक मीडिया के वरिष्ठ पत्रकार मित्र अजय राणा का फोन आया । फोन पर हम लोग कभी - कभार बतिया लेते हैं । पर जाड़ों के दिनों के हिसाब से इतने सवेरे राणा का फोन ? कुछ आश्चर्य सा हुआ । साथ ही मन में एक विचार सा आया कि कहीं हल्द्वानी तो नहीं आया है ? अजय ने पहले हाल - समाचार पूछे । उसके बाद बोला कि कहॉ हो ? मैंने जवाब में कहा कि घर पर ही हूँ अभी तो । कहने लगा कहीं जाना तो नहीं है ? मैंने कहा , " अभी तो नहीं , लेकिन दोपहर में बारात में जाना है "। उसके बाद अजय बोला कि मैं भी काठगोदाम में कुमाऊँ मण्डल विकास निगम के गेस्ट हाउस में रूका हुआ हूँ । शाम को एक बारात में शामिल होना है । कल सवेरे देहरादून लौट जाऊँगा । बारात से कब लौटना होगा ? मुझे मुलाकात करनी है ।


मैंने कहा कि तुम्हें अभी कहीं नहीं जाना है तो मैं पहुँचता हूँ कुछ देर बाद मुलाकात करने के लिए। अजय ने कहा कि मुझे कहीं नहीं जाना है । उसके बाद नाश्ता कर के मैं लगभग दस बजे पहुँच गया काठगोदाम अजय से मुलाकात करने । स्वागत कक्ष में पूछा तो पता चला कि अजय कमरा नम्बर 202 में रूका हुआ है । मैं कमरे में पहुँचा तो वहॉ ताला लगा हुआ था । फोन किया तो बोला कि यहीं पास में ही हूँ । ठहलते हुए कुछ दूर निकल गया था । पहुँच रहा हूँ । दस मिनट बाद वह आया । तब तक मैं भी कार्यालय के बाहर कुर्सी में धूप सेकने लगा । वह तो गर्मजोशी से गले लग गया । उसके बाद मैंने तुरन्त ही ताकि सनद रहे के तौर पर बाहर गेट पर ही उसके साथ फोटू खींचवा ली । फोटो गेस्ट हाउस के ही कर्मचारी ने ली । पर उनका नाम नहीं पूछा । इसी वजह से फोटू खींचक का नाम पता नहीं । अजय का फोटू बेसक मैंने लिया है ।


बाद में लगभग ढाई घंटे तक अजय से समसामयिक विषयों व देहरादून के सत्ता के गलियारों पर चर्चा होती रही । जिसमें मीडिया के आचरण पर ही बातचीत हुई । जिसमें कुछ अच्छी व कुछ आलोचनात्मक टिप्पणियॉ भी शामिल थी । पर अजय का यूँ अचानक से सवेरे - सवेरे फोन करना और फिर हर हाल में मिलने की बात कहना , उसके अपनेपन की खुशबू से महका गया । अजय को इस मुलाकात के लिए साधुवाद ।
अजय के साथ फोटू के अलावा एक फोटू वहॉ की एक सीढ़ी का है । जिसमें सबसे नीचे काठगोदाम व उसके बाद उसके बाद नैनीताल , अल्मोड़ा , बागेश्वर व पिथौरागढ़ जिलों के कुछ स्थानों के नाम के साथ ही काठगोदाम से उनकी सड़क मार्ग से दूरी लिखी गई है । इसके वहॉ ठहरने वाले पर्यटकों को नियत स्थानों की काठगोदाम से दूरी पता नहीं करनी पड़ी । सीढ़ी पर नजर पड़ते ही उसे पता चल जाता है । यह एक अच्छा उपयोग किया है सीढ़ी का काठगोदाम के कुमाऊँ मण्डल विकास निगम के प्रबंधन ने ।



** फोटू खींचक : कुमाऊँ मण्डल विकास निगम ( काठगोदाम ) के एक अनजान कर्मचारी