कोविड- 19 एक महामारी (पार्ट-2)



  कोविड- 19 एक महामारी (पार्ट-2)


कोरोना वायरस की कहानी आओ आज सुनाती हूं,
कैसे विकसित हुआ विषाणु, तुमको आज बताती हूं।
एक दिन अचानक, एक जगह कुछ लोग बीमार हुए,
जुकाम, बुखार खांसी अकड़न से, अच्छे खासे परेशान हुए।
बात समझ में तब आयी जब, औरों को भी हुआ संक्रमण,
देखते ही देखते पूरी बस्ती पर किया रोग ने आक्रमण।
चीन देश में था यह शहर ,नाम इसका बुहान था
इस अनजान बीमारी से पूरा शहर परेशान था।
जैविक हथियार के रूप में इसकों बनाया, इक लैब में वुहान की।
वक्त आने पर इसके प्रयोग से, जान ले सके इंसान की।
कमबख्त कितना खुदगर्ज हो चला ये मानव, 
खुद की ही प्रजाति के विनाश को।
क्षण भर भी ना सोचा मन में, उठायेंगे अपनों की लाश को।
जब इलाज को पहुचें, अस्पताल में, अधिकाधिक संख्या में लोग।
हैरान सभी को कर डाला, कितना गंभीर है यह रोग।
इतनी अधिक संख्या में कैसे बीमारी पनपी।
खान पान में क्यों नहीं कोई सावधानी बरती।
परेशान, हैरान थे डाॅक्टर, समझ नहीं यह बात आयी,
रोगी एक-एक कर मरते , दवा नहीं कुछ काम आयी।
डाॅक्टर ली ने तब जाना, इस भयंकर महामारी को,
फौरन पहचाने लक्षण इसके, किया आगाह  जन-जन को।
अपनी परवाह न करते हूए, दिन रात सेवा मेें जुटे रहे।
फिर इक दिन सेवा करते ही इस बीमारी से ग्रसित हुए।
लाइजाज बीमारी है ,सब प्रयोग हुए बेकार,
डाॅ. ली भी बच ना पाये, छोड गये वे भी संसार।
आग की मानिंद फैली बीमारी, पूरी दुनिया में हाहाकर मचा।
इस बीमारी के संक्रमण से विश्व का कोई देश ना बचा।
लाइलाज इस बीमारी से बडा संकट था गहराया,
अनेकानेक कोशिशों से भी, इलाज नही था मिल पाया।
संक्रमित हुए लोगों ने, इस बीमारी को था खूब बढाया।
जूझ रहा मानव खतरे से, लग रहे लाशों के अम्बार।
कैसे बच पायेगा जीवन, हर कोई कर रहा विचार।। 





नोट-यह कविता काॅपीराइट के अंतर्गत आती है, कृपया प्रकाशन से पूर्व लेखिका की संस्तुति अनिवार्य है।


 


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