||सरकार हर समय तैयार। नाॅट फूड राशनिंग||
उत्तराखंड राज्य के मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने अपील की है कि जो उत्तराखंड निवासी राज्य से बाहर कहीं भी किसी भी राज्य में फंसे हुए हैं वह परेशान न हो। राज्य सरकार उनके लिए लॉकडाउन अवधि में समुचित व्यवस्था कर रही है। इसके लिए हैल्पलाइन नंबर जारी कर दिया गया है। राज्य के बाहर जो भी लोग फंसे हुए हैं उनकी पूरी जिम्मेदारी उत्तराखंड सरकार की है। मुख्य सचिव ने अपने संदेश में कहा कि जनता नाहक ही परेशान न हो। राज्य में खाद्यान्न एवं खाद्य पदार्थों की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। सभी प्रकार की सप्लाई चेन निर्बाध रूप से जारी है। सब्जी मंडियां, थोक बाजार सभी में प्रतिदिन सप्लाई जारी है। आवश्यक वस्तुओं के लिए दिन में एक बजे तक की छूट दे दी गई है। लोग बेवजह परेशान होकर राशन की जमाखोरी करने से बचें। आवश्यक वस्तुएं लगातार उपलब्ध होती रहेंगी।
उन्होंने बताया कि राज्य में स्थित आवश्यक वस्तुओं के उत्पादन करने वाली फैक्ट्रियां और उपक्रमों में उत्पादन लगातार हो रहे तथा उनको कच्चे माल की सप्लाई या वर्कर्स के आने-जाने या किसी भी तरह की कोई भी समस्या का सामना न करना पड़े इसके लिए मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी किए है। शुरू के एक दो दिनों में जो दिक्कतें आई थी उनको सुलझा लिया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में हैल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में लगातार बढ़ोत्तरी की जा रही है। अभी चार हॉस्पिटलों को कोविड-19 हॉस्पिटल के लिए चयनित कर लिया गया है, जहां लगभग 825 बेड कोविड-19 मरीजों के लिए आरक्षित कर दिए गए है। आवश्यक प्रोटेक्टिव उपकरणों, वेंटिलेटरों, दवाईयों, टेस्टिंग किट आदि की कुछ की व्यवस्था कर ली गई है और कुछ पाइपलाइन में है। उन्होंने जनता से अपील की है कि वह घरों में रहे और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। हाथों को लगातार साफ बनाएं रखें। अफवाहों से बचे। व्हाटसएप पर पैनिक मैसेज को फॉरवर्ड न करे। पूरे देश में स्थिति सामान्य है।
देहरादून जिला प्रशासन मुस्तैद
देहरादून के जिलाधिकारी डा. आशीष श्रीवास्तव ने जनता के नाम दिए संदेश में कहा है कि पूरे विश्व में नॉवल कोरोन कोविड-19 की भयावहता और उसके दुष्परिणामें को देखते हुए केंद्र सरकार द्वारा इस महामारी को रोकने के उद्देश्य से उठाए गए सुरक्षात्मक कदमों का शख्ती से पालन किया जा रहा है। कहा कि कोरोना वायरस के संक्रमण से भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है। जिला प्रशासन ने आम जनता की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी उपाय और व्यवस्था सुनिश्चित कर ली गई है। डा. श्रीवास्तव ने जनता से अपील की कि वह सरकार और जिला प्रशासन का सहयोग करें।
अपील है कि लोग बेवजह परेशान न हो, विचलित न हो। लॉकडाउन की अवधि में किराने की दुकानें, फल और सब्जी की दुकानें, दवाईयों की दुकानें, डेयरी, बैंक, पोस्ट ऑफिस, अस्पताल, पैट्रोल पंप, गैस एजेंसी, तथा आवश्यक सेवाओं के प्रतिष्ठान खुले रहेंगे। इसके अलावा सभी प्रकार के व्यापारिक प्रतिष्ठान, दुकानें, कारखाने, कार्यालय, वर्कशॉप, गोदाम, सार्वजनिक यातायात के साधन लॉकडाउन की अवधि में प्रतिबंधित रहेंगे। उन्होंने देहरादून की जनता को आश्वस्त किया है कि खाने-पीने की चीजों की न तो कोई कमी है और न ही होने दी जाएगी। जितना जरूरत हो उतना ही सामान खरीदें। उन्होंने यह भी बताया कि जनरल ओपीडी एवं इमरजेंसी सेवाएं कोरोनेशन चिकित्सालय में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाएं गांधी शताब्दी चिकित्सालय में प्रदान की जाएंगी। दून चिकित्सालय में केवल कोविड-19 कोरोना वायरस की ओपीडी सेवाएं प्रदान की जाएंगी। लॉकडाडन की अवधि में कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रति लोगों में भय का वातावरण न बनाया जाए। स्वयं भी जागरूक बनें और दूसरों को भी जागरूक बनाएं। कोरोना वायरस को हराने का सबसे कारगर हथियार यही है कि लोग अधिक से अधिक सोशल डिस्टेंस बनाकर रखे।
श्रद्धा रखिए निर्देशों का पालन कीजिए
गुरू रामराय दरबार साहिब के सज्जादा गद्दानसीन श्री महंत देवेंद्र दास ने उत्तराखंड की जनता के नाम दिए संदेश में कहा है कि यह एक संकट की घड़ी है, पूरे विश्व में कोरोना नामक वायरस का संक्रमण फैल रहा है और भारत भी इससे संक्रमण से अछूता नहीं रहा है। यह संक्रमण इंसानों से इंसानों में बहुत ही तेजी से फैल रहा है। पूरे राज्य और देश की जनता से अपील है कि वह ईश्वर में अपनी श्रद्धा बनाएं रखे और सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। सामाजिक दूरी बनाकर रखें और आने वाले 21 दिनों तक अपने घरों में ही रहें। सर्तकता और जागरूकता ही किसी भी संक्रमण से असली बचाव है। भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है। सरकार जो कर रही है वह वैश्विक अनुभवों और विश्व स्वास्थ्य संगठन की सलाह पर कर रही है। जो जरूरी कदम हमारी सरकार ने उठाए हैं यदि इस तरह के उपाय दूसरे देश शुरूआती दौर में ही उठा लेते तो शायद संक्रमित लोगों का आंकडा सर्वाधिक नहीं पहुंता। हमारी सरकार ने सही समय पर बचाव का तरीका अपनाया है, इसमें सहयोग करें।
उन्होंने कहा कि इस संकट की घड़ी में श्रीमहंत इंदिरेश अस्पताल राज्य के साथ कंधे के साथ कंधा मिलाकर खड़ा है। 1500 बेड के अस्पताल में सभी प्रकार की जरूरी सुविधाएं उपलब्ध और किसी भी संसाधन की कमी नहीं होने दी जाएगी। अस्पताल में सभी डॉक्टरों, नर्सिंग एवं पैरामेडिकल स्टाफ, सफाई कर्मचारियों आदि की छुट्टियां निरस्त कर दी गई है। पूरा स्टाफ तैनात है। अस्पताल के पूरे स्टाफ को संक्रमण से लड़ने के लिए नियमित ट्रेनिंग दी जा रही है। सरकार द्वारा कोरोना संक्रमित लोगों के उपचार के लिए 25 प्रतिशत बेड की मांग की गई है लेकिन हम अपनी क्षमता को देखते हुए आवश्यकतानुसार इससे भी अधिक बेड देने के लिए तैयार हैं। यहां कोरोना संक्रमित लोगों के उपचार के लिए लिए अलग एक फ्लोर आरक्षित कर दिया है, जो सामान्य मरीजों से दूर व अलग है। लैब भी संक्रमित वायरस की टेस्टिंग के तैयार है। कहा कि यथा संभव यथा शक्ति से इस सकंट से लड़ने के लिए राष्ट्र को समर्पित हैं।
श्रीमहंत देवेंद्र दास ने चिन्ता व्यक्ति की कि इस लॉकडाउन में सबसे बड़ी समस्या उन लोगों के सामने आने वाली है जो रोज खाते-कमाते है। हालांकि दरबार साहिब में नियमित रूप से लंगर चल रहा है वहां आने वाले किसी को भी खाने के लिए मना नहीं किया जा रहा हैं। लेकिन इसके बावजूद इस तबके लिए सोचना और उस पर कोई प्रभावी कार्यवाही करने के लिए वे भी अपनी प्रबंध समिति में चर्चा कर रहे है। वे अपने संत-अखाड़ों से भी अपील करना चाहेंगे कि इस संकट की घड़ी में कमजोर और वंचित तबके के लिए आगे आए और मिलकर सुनिश्चित करें कि किसी भी गरीब असहाय व्यक्ति और उसके परिवार को भोजन की किसी प्रकार दिक्कत न आएं।