तीन मई तक रहेगा लाॅकडाउन, पीएम ने मांगे जनता से सात वचन

तीन मई तक रहेगा लाॅकडाउन, पीएम ने मांगे जनता से सात वचन




प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में लॉकडाउन की अवधि को तीन मई तक बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा कि यदि हम धैर्य बनाकर रखेंगे, नियमों का पालन करेंगे तो कोरोना जैसी महामारी को भी परास्त कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि जो क्षेत्र हॉटस्पॉट में नहीं होंगे, और जिनके हॉटस्पॉट में बदलने की आशंका कम होगी, वहां पर 20 अप्रैल से कुछ जरूरी गतिविधियों की अनुमति दी जा सकती है। प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के आखिर में देशवासियों से सात वचन मांगे और कहा कि जहां हैं, वहीं रहें और सुरक्षित रहें।


अपने घर के बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें


पहली बात-
अपने घर के बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें - विशेषकर ऐसे व्यक्ति जिन्हें पुरानी बीमारी हो, उनकी हमें ब्ंतम करनी है, उन्हें कोरोना से बहुत बचाकर रखना है। 


दूसरी बात-
लॉकडाउन और सामाजिक दूरी की लक्ष्मण रेखा का पूरी तरह पालन करें, घर में बने फेसकवर या मास्क का अनिवार्य रूप से उपयोग करें। 


तीसरी बात-
अपनी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए, आयुष मंत्रालय द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें, गर्म पानी, काढ़ा, इनका निरंतर सेवन करें। 


चैथी बात-
कोरोना संक्रमण का फैलाव रोकने में मदद करने के लिए आरोग्य सेतु मोबाइल एप जरूर डाउनलोड करें। दूसरों को भी इस एप को डाउनलोड करने के लिए प्रेरित करें।


पांचवी बात-
जितना हो सके उतने गरीब परिवार की देखरेख करें, उनके भोजन की आवश्यकता पूरी करें। 


छठी बात-
आप अपने व्यवसाय, अपने उद्योग में अपने साथ काम करे लोगों के प्रति संवेदना रखें, किसी को नौकरी से न निकालें। 


सातवीं बात-
देश के कोरोना योद्धाओं, हमारे डॉक्टर- नर्सेस, सफाई कर्मी-पुलिसकर्मी का पूरा सम्मान करें। पूरी निष्ठा के साथ 3 मई तक लॉकडाउन के नियमों का पालन करें, जहां हैं, वहां रहें, सुरक्षित रहें। वयं राष्ट्रे जागृयाम”, हम सभी राष्ट्र को जीवंत और जागृत बनाए रखेंगे।


20 अप्रैल तक हर कस्बे, हर थाने, हर जिले, हर राज्य को परखा जाएगा
प्रधानमंत्री ने कहा कि अगले एक सप्ताह में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में कठोरता और ज्यादा बढ़ाई जाएगी। 20 अप्रैल तक हर कस्बे, हर थाने, हर जिले, हर राज्य को परखा जाएगा, वहां लॉकडाउन का कितना पालन हो रहा है, उस क्षेत्र ने कोरोना से खुद को कितना बचाया है, ये देखा जाएगा। जो क्षेत्र इस अग्निपरीक्षा में सफल होंगे, जो हॉटस्पॉट में नहीं होंगे, और जिनके हॉटस्पॉट में बदलने की आशंका भी कम होगी, वहां पर 20 अप्रैल से कुछ जरूरी गतिविधियों की अनुमति दी जा सकती है।


जब हमारे यहां कोरोना के सिर्फ 550 केस थे, तभी भारत ने 21 दिन के संपूर्ण लॉकडाउन का एक बड़ा कदम उठा लिया था। भारत ने, समस्या बढ़ने का इंतजार नहीं किया, बल्कि जैसे ही समस्या दिखी, उसे, तेजी से फैसले लेकर उसी समय रोकने का प्रयास किया। भारत ने होलिस्टिक अप्रोच न अपनाई होती, इंटिग्रेडिड अप्रोच न अपनाई होती, तेज फैसले न लिए होते तो आज भारत की स्थिति कुछ और होती। लेकिन बीते दिनों के अनुभवों से ये साफ है कि हमने जो रास्ता चुना है, वो सही है।