मेजर सुमन को यूएन का एडवोकेट आफ द ईयर अवार्ड


||मेजर सुमन को यूएन का एडवोकेट आफ द ईयर अवार्ड||



पहाड़ की प्रतिभावान बेटियां चुनौती के अग्निपथ पर चलकर सफलता के नंए आयाम हासिल कर रही हैं।सम्पूर्ण दुनियां में उत्तराखंड का मान बढ़ा रही हैं।इन्हीं बेटियों मे से एक है मेजर सुमन गंवानी,जिन्होंने पूरी दुनियां में उत्तराखंड का नाम रौशन किया है।मेजर सुमन गंवाणी को संयुक्त राष्ट्र के विशेष अवार्ड से सम्मानित किया जाऐगा। यह पहली बार होगा जब किसी भारतीय शांतिदूत को यह अवार्ड दिया जाएगा।


पहाड़ की कई बेटियों को सेना की राह दिखाने वाली मेजर सुमन गंवाणी मूलतः जनपद टिहरी गढ़वाल,ब्लॉक भिलंगना, तहसील घनसाली, गांव पोखार जो कि पट्टी भिलंग के अंतर्गत आता है। इनकी प्रारम्भिक शिक्षा जनपद उत्तरकाशी से हुई,तत्पश्चात देहरादून के डीएवी पीजी काँलेज से ग्रेजुएशन किया है।


वर्ष २०११ में मेजर सुमन इंडियन आर्मी का हिस्सा बनी।मेजर सुमन गंवाणी के पिता प्रेमसिंह गंवाणी अग्निशमन विभाग के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। बेटी की शानदार उपलब्धि से वो भी गर्वित हैं। मेजर सुमन गंवानी को संयुक्त राष्ट्र सैन्य जेंडर एडवोकेट आँफ द ईयर अवार्ड के लिए चयनित किया गया है। यूएन के शांति मिशन में विशिष्ठ योगदान देने के लिए मेजर सुमन गंवाणी को यह प्रतिष्ठित सम्मान दिया जाएगा।


मेजर सुमन गंवाणी की उपलब्धि इसलिए भी खास है,क्योंकि किसी भारतीय शांति दूत को पहली बार इस सम्मान से नवाजा जाएगा। २९ मई को संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों के अन्तर्राष्ट्रीय दिवस पर यूएन महासचिव एंतोनिया गुटेरस वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से मेजर सुमन को यह सम्मान देंगे।


मेजर सुमन गंवानी इस समय दिल्ली में तैनात हैं। मेजर सुमन संयुक्त राष्ट्र के मिशन के तहत दक्षिण सूडान में तैनात रह चुकी हैं। यह अवार्ड हासिल करने के लिए मेजर सुमन को न्यूयार्क जाना था, लेकिन कोरोना वैश्विक महामारी के वजह से मेजर सुमन गंवाणी को यह यात्रा रद्द करनी पड़ी। मेजर सुमन गंवानी की शानदार उपलब्धि, पहाड़ की हर बेटी को भी देश और मानवता के लिए कुछ बेहतर करने के लिए प्रेरित करेगी।