बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी, प्रदीप टम्टा 

||बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी, प्रदीप टम्टा||

 



पिथौरागढ़ नगर में 16 जून 1958 को जन्में प्रदीप टम्टा जी की उत्तराखण्ड के राजनैतिक फलक में एक विशिष्ट पहचान है. वैचारिक विरोधियों में भी मान-सम्मान और उनमें अपनी प्रतिभा की स्वीकार्यता काे हासिल करना कम दिखता है. पर प्रदीप टम्टा को आज की विकट होती राजनीति में यह परम आदर मिला है.



 

आदर्श विद्यालय पुरानी टिहरी के 7वीं तक के सबसे अव्वल छाञ, राजकीय इण्टर कालेज, जोशीमठ के 1972 में हाई स्कूल और 1974 में इण्टर के प्रथम डिवीजन के टापर छाञ प्रदीप टम्टा जब अल्मोडा महाविदा्लय से बीएससी में अध्ययन करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता बने तो उसे ही जीवन का ध्येय बनाकर अपने व्यक्तित्व में आत्मसात कर लिया. कुमाऊं विश्वविद्यालय के एम.ए. (राजनीति विज्ञान), बीएड़ और एलएलबी के मेघावी छात्र प्रदीप टम्टा जी का सन् 1980 में अल्मोडा महाविदा्लय छाञ संघ का अध्यक्ष बनना एक अभूतपूर्व ऐेतिहासिक घटना थी.



 

उत्तराखंड में सत्तर के दशक के प्रमुख सामाजिक संगठनों यथा- पर्वतीय युवा मोर्चा, पहाड़ और उत्तराखंड संघर्ष वाहिनी के अग्रणी सामाजिक कार्यकर्ता तथा प्रतिष्ठित गिरि विकास अध्ययन संस्थान, लखनऊ के प्रतिभाशाली शोधार्थी प्रदीप टम्टा जी ने 26 मार्च, 1999 को जब कांग्रेस पार्टी में प्रवेश किया तबसे वे उसके सबसे मजबूत स्तम्भ जाने जाते रहे हैं. इससे बढ़कर आज के समय में प्रदीप टम्टा गढवाल- कुमाऊं में सामाजिक सक्रियता और स्वीकार्यता की दृष्टि से अन्य राजनेताओं के लिए मार्गदर्शी, प्रेरक और चुनौतीपूर्ण व्यक्तित्व के रूप में लोकप्रिय हैं।




पूर्व विधायक (सोमेश्वर), पूर्व सांसद (लोकसभा) और वर्तमान में सांसद (राज्यसभा) की गरिमा लिए वे अपने कर्तव्य पथ पर हमेशा सफल हों,