(ग़ज़ल) नज़र से


बलजीत सिंह बेनाम मूल रूप से हरियाणा के हिसार जिले से हैं।  शिक्षा में स्नातक हैं, और संगीत अघ्यापक होने के साथ ही साहित्य लेखन में इनकी विशेष रूचि है। प्रस्तुत है इनकी एक ग़ज़ल



(ग़ज़ल) नज़र से


नज़र से नज़र की सिफ़ारिश न होती
तो दिल में मोहब्बत की ख़्वाहिश न होती


सभी अपनी तहज़ीब पहचानते अगर
बदन की कहीं भी नुमाइश न होती


ख़लल कुछ इबादत में पड़ता नहीं तब
जो इन्सां की फ़ितरत में लग्ज़िश न होती


अगर तुम न मिलते हमें ज़िन्दगी में
जहां में हमारी रिहाइश न होती


छुपाए मोहब्बत कभी छुप सकी क्या
कहाँ तक इन आँखों से बारिश न होती


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