||पर्यावरण और विकास के मध्य बेहतर संतुलन हो - मुख्य सचिव||
टाइगर कन्जरवेशन प्लान इस तरह से बनाये ताकि मानव वन्य जीवों के बीच किसी तरह का संघर्ष न हो, यह निर्देश ओल्ड मसूरी रोड़ स्थित वन विभाग के समन्वय से आयोजित बैठक में मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने राजाजी टाईगर रिजर्व के कन्जरवेशन प्लान के प्रस्तुतीकरण के दौरान दिये। इस दौरान राजाजी टाईगर रिजर्व के अधिकारियों द्वारा बनाये गये टाईगर कन्जरवेशन प्लान प्रेजेन्टेशन के माध्यम से विचार-विमर्श किया गया।
आशारोड़ी से हरिद्वार रोड़ तक पार्क के किनारे भविष्य में जो बाउन्ड्री वाल व सड़के बनाये जाने की योजना है, को बाउन्ड्री वाल और सड़क का निर्माण को इस तरह किया जाए ताकि पार्क पूरी तरह से सुरक्षित रहे। इसके अलावा मुख्य सचिव ने सुसवा नदी के प्रदूषण को कम करने के लिए भी प्लान बनाने को कहा। साथ ही बफर जोन एरिया में भविष्य में सड़क निर्माण व रिवर्स ट्रेनिंग मटेरियल आदि के कलेक्शन के लिए भी प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिये। कहा कि राजाजी पार्क और इससे सटे इलाके में वन्यजीवों की मानिटरिंग बढ़ाने और उनके हैविटेट को बढ़ावा देने के लिये भी बेहतर प्लान बनाये और त्वरित कार्य करें। ऋषिकेश स्थित 84 कुटिया को भी इको टूरिज्म की तर्क पर विकसित करने पर भी जोर दिया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पार्क के कोर एरिया क्षेत्र में अपरिहार्य परिस्थिति में यदि सड़क बनाने की महती-आवश्यकता हो तो वहाँ पर सड़क ना बनाकर रोपवे जैसे इन्फ्रास्ट्रक्चर को वरियता दें, ताकि वन्य जीवों पर किसी भी तरह नकारात्मक प्रभाव न पड़े। बैठक में आये सभी सुझावों को वन विभाग ने पार्क संरक्षण योजना का हिस्सा बनाने के लिए हामी भर दी है। यह बात सामने आई कि पर्यावरण और विकास के मध्य बेहतर संतुलन स्थापित हो इसके लिए भविष्य में बेहतर योजना पर कार्य किया जायेगा।
इस दौरान प्रमुख सचिव आनन्द वर्द्धन, सचिव आर.के.सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक विनोद कुमार, चीफ वार्डन, जिलाधिकारी देहरादून डाॅ0 आशीष कुमार श्रीवास्तव, अपर सचिव नेहा वर्मा, निदेशक राजाजी पार्क, डी.के.सिंह लोक निर्माण विभाग आदि संबंधित अधिकारी उपस्थित थे। जबकि जिलाधिकारी हरिद्वार व पौड़ी वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से जुड़े हुए थे।