वर्चुवाल की दुनियां बढ़ानी होगी खबरों की विश्वसनीयता

वर्चुवाल की दुनियां


बढ़ानी होगी खबरों की विश्वसनीयता



गूगल द्वारा ईजाद नवलेखा की मासिक कार्यशाला में वर्चुअल मीडिया के बारे में गूगल टीम ने बारीक से बताया। यह भी जानकारी दी कि मौजूदा समय मे इण्टरनेट से पढ़ने वाले पाठको की संख्या बढ़ती जा रही है, इसलिए खबरों या आलेखों की सामग्री पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।


गूगल टीम की प्रक्षिक गिरिजा ने बताया जानकारी दी कि गूगल का यह प्लेटफार्म पहले भारत के लखनऊ और देहली जैसे शहरों में आरम्भ हुआ जो अब यानी वर्तमान समय मे 17 शहरों के साथ चार भारतीय भाषाओं में प्रकाशन का काम देख रहा है। उन्होंने कार्यशाला में यह भी कहा कि नवलेखा प्रिंट मीडिया से ऑनलाइन जैसे प्लेटफार्म को प्रकाशकों को उपलब्ध करवा रहा है। जो कि गूगल की ओर से मुफ्त सेवा है। कहा कि नवलेखा प्रकाशकों से वेबसाइट हेतु ना तो डोमिन चार्ज ले रहा है और ना ही वेबसाइट को डेवलप करने का चार्ज ले रहा है। कहा कि प्रकाशकों बावत यह एक प्रकार से मौका है कि ऑनलाइन की दुनिया मे अन्य प्रिंट मीडिया भी जगह बांये।


इस दौरान बताया गया कि भारत मे इन दिनों 460 मिलियन लोग इंटरनेट का उपयोग करते है। जिनमे लगभग 400 मिलियन लोग स्मार्ट फोन का उपयोग करते है। अर्थात यदि 400 मिलियन लोग स्मार्ट फोन उपयोग करते हैं तो इतने ही लोग इटरनेट का भी उपयोग करते होंगे। अतएव भारत मे मौजूद समय में 32 मिलियन लोग डिजिटल खबरों के पाठक है।


उल्लेखनीय यह है कि 10 में से 9 लोग भारत की क्षेत्रीय भाषा मे इंटरनेट का इस्तेमाल करते है। इस तरह के आंकड़े बता रहे हैं कि 86 प्रतिशत लोग अपनी यानी इंडिक भाषा, अर्थात दूधबोली शब्दो को ज्यादा विश्वसनीय मानते है।


कुलमिलकर भविष्य में अखबार के पाठक ऑनलाइन होने वाले है। इसलिए पाठको की नजाकत को देखते हुए नवलेखा जैसे प्लेटफार्म सरल और सुगम सुविधा देने वाला मंच होगा। जिसे आने काले समय मे जीविका से भी जोड़ा जा सकता है। जबकि ऑनलाइन प्लेटफार्म पर आज भी क्षेत्रीय भाषाओं से सम्बंधित सामग्री की बहुत ही ज्यादा कमी महसूस हो रही है। दूसरा यह कि पाठक के मुताबिक सामग्री का भी बड़ा अभाव है।