कोरोना संकट:थोड़ा राहत, सावधानी बरतनी आवश्यक

||कोरोना संकट, थोड़ा राहत,पर सावधानी आवश्यक||


कोरोना संकट से निजात मिलनी अभी बहुत कठिन है। जैसे जैसे इस महामारी के लक्षण और असर कम होता दिखाई दे रहा है, उसी के आधार पर सरकार भी लोगो की सुविधा बावत कुछ ढील देने के लिए तैयार है। अभी उत्तराखण्ड सरकार ने कुछ फैसले लिए है। लोग एक जिले से दूसरे जिले में जा सकते हैं, बशर्ते वे अहतियात जरूर बरतें। सावधानी और सुरक्षा के साथ सफर करें। जिसके लिए लोगो को कुछ नियम-कानूनो से गुजरना पड़ेगा। सरकार द्वारा दी जा रही सुविधा को यहां सरकारी आदेश की प्रति को हू-ब-हू प्रकाशित किया जा रहा है।




उत्तराखण्ड राज्य से जाने एवं बाहर से आने वाले नागरिकों हेतु मानक परिचालन दिशा-निर्देश



1. देश के समस्त राज्य सरकारों के द्वारा नामित नोडल अधिकारियों से समन्वय स्थापित करने हेतु उत्तराखण्ड सरकार द्वारा श्री शैलेश बगौली, सचिव, शहरी विकास एवं परिवहन विभाग, उत्तराखण्ड शासन एवं श्री संजय गुंज्याल.महानिरीक्षक, राज्य आपदा प्रतिवादन बल, (एस0डी0आर0एफ0) को नोडल अधिकारी नामित किया गया है।


2. देश के विभिन्न स्थानों में उत्तराखण्ड राज्य में रह रहे नागरिकों को जो राज्य में वापस आना चाहते हो. आवश्यक रूप से वेब पोर्टल (https://dsciservices.in/Uttarakhandmigrant-registration.php) पर पंजीकरण करवाना होगा। वह लोग संलग्न सूची अनुसार कंट्रोल रूम के नम्बरों में भी संपर्क कर सकते है। नोडल अधिकारी द्वारा यह सुनिश्चित किया जायेगा कि नागरिकों के पंजीकरण/कॉल्स के आधार पर सुचारू आवागमन हेतु एक विस्तारित यात्रा प्लान विकसित किया गया है


3. राज्य नोडल अधिकारी द्वारा यह सुनिश्चित किया जायेगा कि राज्य तथा जनपदवार विस्तारित यात्रा प्लान में यात्रा कर रहे नागरिकों के नाम एवं पते. सूचीबद्ध बसों के अनुसार समन्वय अधिकारी एवं उक्त बस के चालक का नाम एवं पता, यात्रा मार्ग मानचित्र आदि का समावेश किया गया है ।


4. राज्य नोडल अधिकारियों द्वारा आवश्यकतानुसार सुरक्षा कार्मिकों को समन्वय अधिकारी के रूप में अन्य राज्यों से यात्रियों को लेकर वापस आने वाली बसों में नियुक्त किया जायेगा। समस्त समन्वय अधिकारियों (Liaison Officers) की सूचीतैयार कर संकलित करते हुये दूसरे राज्यों से बेहतर समन्वय स्थापित करने हेतु साझा की जायेगी।


5. राज्य नोडल अधिकारियों द्वारा राज्य तथा जनपदवार परिवहन आवागमन की योजना बनाते हुये समस्त समन्वय अधिकारियों (Liaison Officers) को उपलब्ध करवाई जायेगी


6. राज्य नोडल अधिकारियों/जनपद नोडल अधिकारियों/समन्वय अधिकारियों द्वारा गृह मंत्रालय, भारत सरकार तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकारके सामाजिक दूरी तथा अन्तराज्यीय आवागमन सम्बन्धित प्रावधानों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करवाया जायेगा।


7. अतराज्यीय आवागमनहेतु, यात्रियों को भेजने वाले एवं प्राप्त करने वाले राज्य परामर्श उपरान्त आपसी सहमति के आधार पर सड़क मार्ग से नागरिकों के सुचारू आवागमन की व्यवस्था करेगें।


8. नोडल अधिकारी के द्वारा अन्य राज्यों के नोडल अधिकरियों के साथ संलग्न प्रारूप-2 को साझा किया जायेगा, जिसके द्वारा बसों के आवागमन से पूर्व यात्रियों की स्वास्थ्य तथा यात्रा की सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करते हुये राज्य के अन्दर अग्रेतर कार्यवाही सुनिश्चित की जा सकती है।


9. दूसरे राज्य के नोडल अधिकारियों द्वारा यह निर्धारित किया जायेगा कि राज्य में वापिस आने वाले नागरिकों का बसों में बैठने से पूर्व विधिवत स्वास्थ्य परीक्षण किया जायेगा तथा केवल उन्ही स्वस्थ्य नागरिकों को अनुमति प्रदान की जायेगी जिनमें COVID-19के कोई भी लक्षण परिलक्षित नहीं है। इसके अतिरिक्त कन्टेन्मेंट जोन में से किसी भी नागरिकों का आवागमन नही किया जायेगा।


10. जनपद स्तर पर नामित किये गये नोडल अधिकारियों के द्वारा अन्तराज्यीय आवागमन करने वाले व्यक्तियों हेतु पृथक रूप से यात्रियों के चढ़ने एवं उतरने हेतु स्थान चयन किये जायेंगे (विशेषकर जनपद देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर तथा नैनीताल में एक स्थान का निर्धारण)। प्रभावी समन्वय तथा निगरानी के उद्देश्य से समुचित मात्रा में पुलिस कर्मियों की तैनाती सम्बन्धित स्थान में की जायेगी।


11. राज्य नोडल अधिकारी द्वारा जिला नोडल अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर भोजन एवं रहने का स्थान/उतरने का स्थान/क्वारनटाईन से सम्बन्धित वैकल्पिक व्यवस्था अप्रत्याशित संख्या में व्यक्तियों के आवागमन की स्थिति में सुनिश्चित की जायेगी।


12. राज्यों में आने पर सीमावर्ती जिलों के बॉर्डर चेक पोस्टके पासनिर्धारितस्थानों पर थर्मल स्कैनिंग. भोजन, पेयजल, शौचालय एवं चिकित्सा जॉच की सुचारू व्यवस्था सम्बन्धित जिला प्रशासन द्वारा की जायेगी, जहाँ से नागरिकगण अपने जनपदों के गन्तव्य स्थान तक जा सकेंगे।सीमावर्ती बार्डर जनपद के सम्बन्धित जिला नोडल अधिकारियों द्वारा जनपदवार समस्त व्यक्तियों की सूची तैयार की जायेगी तथा व्यक्तियों के गन्तव्य जनपदों के सम्बन्धित नोडल अधिकारियों को भी उपलब्ध करवाते हुये प्रतिलिपि राज्य नोडल अधिकारी को प्रेषित की जायेगी।


13. उक्त नागरिकों द्वारा अपने गन्तव्य स्थानों पर पहुचने के उपरान्त सम्बन्धित स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण कराया जायेगा तद्पश्चात वह समस्त नागरिक 14 दिवस की निश्चित समायावधि के लिये होम क्वारनटीन में रहेंगे। यदि उनमें कोई लक्षण परिलक्षित होते है तो उन समस्त नागरिकों को संस्थागत क्वारनटीन में रखा जायेगा। होम क्वारनटाईन में रखे गये व्यक्तियों की दैनिक आधार पर स्वास्थ्य की निगरानी ब्लॉक रिस्पॉस टीम/सिटी रिस्पॉस टीम/ ग्राम पंचायत द्वारा की जायेगी तथा सूचनायें राज्य नोडल अधिकारी को भी प्रेषित की जायेगी


14. जनपद स्तरीय नोडल अधिकारियों द्वारा सभी चिन्हित क्वारनटाईन सेंटरों में कार्य कर रहे कार्मिकों के लिये यह सुनिश्चित किया जायेगा कि उनको "क्या करें क्या ना करें" तथा कोरोना वायरस संक्रमण से रोकथाम सम्बन्धित प्रशिक्षण दिया गया है।



15. निजी वाहनों से यात्रा कर रहे यात्रियों के लिये निर्देश



15.1 यात्रा करने से पूर्व निजी वाहनों द्वारा उत्तराखण्ड में वापस आने वाले व्यक्तियों को आवश्यक रूप से वेब पोर्टल (https://dselservices.in/Uttarakhand-migrantregistration.php) पर पंजीकरण करवाना होगा तथा प्रारूप (संलग्नक प्रारूप-2) को यात्रा से पूर्व डॉउनलोड करना होगा। संलग्न प्रारूप को सीमावर्ती बार्डर चेक पोस्ट पर स्क्रीनिंग के दौरान जमा किया जायेगा। किसी भी प्रकार की समस्या होने पर कन्ट्रोल रूम में संपर्क किया जा सकता है (मोबाइल नम्बर के साथ सूची संलग्न-1 में दी गयी है)।


15.2 अन्य राज्यों से अपने निजी वाहन द्वारा वापस आने वाले व्यक्तियों को सम्बन्धित जनपद (जहाँ वो वर्तमान में निवास करते है) से अनुमति प्राप्त करनी होगी तथा स्पष्ट रूप से गन्तव्य स्थान, यात्रा की तिथि तथा रूट प्लान दर्शाना होगा। यह अनुमति सम्बन्धित राज्य के द्वारा यात्रा मार्ग के साथ प्रदान की जायेगीकन्टेनमेन्ट जोन में आने वाले व्यक्तियों को कर्पयू पास जारी नही किये जायेंगे


15.3 अन्य राज्यों के नोडल अधिकारियों से अर्न्तराज्यीय आवागमन हेतु प्रक्रिया को निर्धारित करते हुये वेब पोर्टल पर पंजीकृत किये हुये व्यक्तियों को अनुमति पत्र (Pass) निर्गत किये जाने हेतु अनुरोध किया जायेगा।


15.4 जिला प्रशासन द्वारा सीमावर्ती जनपदों के बार्डर एरिया पर समस्त यात्रियों की थर्मल स्कैनिंग तथा स्वास्थ्य परीक्षण करवाया जायेगा। इन सम्बन्धित स्थानों पर वाहनों की पार्किंग, भोजन, मेजर तथा शौचालय की व्यवस्था की जायेगी। यदि किसी व्यक्ति में कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण परिलक्षित हुये आवश्यकीय रूप से सम्बन्धित सीमावर्ती जनपद द्वारा उसे संस्थागत क्वारनटाईन कर दिया जायेगा।


15.5 विभिन्न प्रदेशों के केन्टेनमेन्ट जोन से वापस उत्तराखण्ड आने वाले व्यक्तियों को विकल्प के तौर पर यह इंगित करना होगा की वह केन्टेनमेन्ट जोन में नहीं रहने अथवा संस्थागत क्वारनटाईन हेतु उस अवधि तक तैयार है जब तक सम्बन्धित केन्टेनमेन्ट जोन में प्रतिबन्ध प्रभावी किये गये है।


15.6 निजी वाहनों से यात्रा कर रहे व्यक्तियों द्वारा वाहन को पूर्ण रूप से सैनेटाईज करते हुये गृह मंत्रालय, भारत सरकार तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी किये गये सामाजिक दूरी एवं अन्य दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन किया जायेगा।


15.7 राज्य के अन्दर आने वाले सभी व्यक्तियों तथा सम्बन्धित जनपदों में जाने वाले व्यक्तियों अथवा कोरोना वायरस संक्रमण के दृष्टिगत किये गये क्वारनटाईन व्यक्तियों की सूचना सम्बन्धित जनपदों तथा राज्य नोडल अधिकारियों को उपलब्ध करवायी जायेगी।


15.8 गन्तव्य स्थान पर पहुचने के पश्चात सभी व्यक्तियों का स्वास्थ्य विभाग द्वारा परीक्षण किया जायेगा तथा कम से कम 14 दिवस के लिये होम क्यारनटाईन किया जायेगा। कोरोना वायरस संक्रमण के लक्षण परिलक्षित होने पर सम्बन्धित व्यक्तियों को संस्थागत क्वारनटाईन में भेजा जायेगा।होम क्वारनटाईन में रखे गये व्यक्तियों की दैनिक आधार पर स्वास्थ्य की निगरानी ब्लॉक रिस्पॉस टीम/सिटी रिस्पॉस टीम/ ग्राम पंचायत द्वारा की जायेगी तथा सूचनायें राज्य नोडल अधिकारी को भी प्रेषित की जायेगी


15.9 राज्यों के मध्य कन्टेन्मेन्ट जोन की सूची दैनिक आधार पर बनाते हुये साझा की जायेगी ताकि ऐसे स्थानों से व्यक्तियों का आवागमन प्रतिबंधित किया जाय।


15.10 जनपद स्तर नोडल अधिकारियों द्वारा निजी वाहन द्वारा राज्य से बाहर जाने वाले व्यक्तियों को ई-पास जारी किये जायेगें। इन जारी किये जाने वाले ई-पास में सम्बन्धित गन्तव्य राज्य, जनपद, यात्रा की तिथि तथा यात्रा मानचित्र स्पष्ट रूप से अंकित किया जायेगा। कन्टेन्मेन्ट जोन से किसी भी व्यक्ति का आवागमन तब तक नही किया जायेगा जब तक प्रतिबन्ध प्रभावी हों।



16. रेल द्वारा यात्रा करने वाले व्यक्तियों हेतु समन्वय



16.1 राज्य नोडल अधिकारियों के द्वारा अन्य राज्यों के नोडल अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करते हुये राज्य के भीतर आने वाले यात्रियों की विस्तृत सूची तैयार की जायेगी।


16.2 जनपद स्तरीयनोडल अधिकारियों के द्वारा रेलवे स्टेशनों पर थर्मल स्कैनिंग, भोजन, पेयजल तथा स्वच्छ शौचालय की समुचित व्यवस्था की जायेगी।


16.3 सम्बन्धित जनपदों में व्यक्तियों के आवागमन के लिये उपरोक्तानुसार समान दिशा-निर्देश लागू किये जायेगे



17. अन्तर जनपदीयआवागमन हेतु दिशा-निर्देश



17.1 राज्य के अन्दर आवागमन हेतु समस्त जनपदों में नोडल अधिकारियों के द्वारा उपरोक्त दिशा-निर्देशों के अनुसार ही यात्रियों के आवागमन की कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी।


17.2 राज्य के अन्दर चिन्हित ग्रीन जोन जनपदों में व्यक्तियों की आवाजाही अनुमन्य होगी परन्तु रेड/आरेन्ज जोन जनपदों से अन्य जनपदों में जाने वाले व्यक्तियों को होम क्यारनटाइन किया जायेगा यदि उन व्यक्तियों को संबंधित जनपद में क्यारनटाइन न किया गया हो। इन व्यक्तियों में कोरोना वायरस से संबंधित लक्षण परिलक्षित होने की दशा में उन्हें संस्थागत क्वारनटाइन किया जायेगा।


17.3 जिलाधिकारीयों द्वाराराज्य के अन्दर जनपदों में आवाजाही हेतु ई-पास की व्यवस्था उपरोक्त वर्णित प्रावधानों के अनुसार अविलम्ब सुनिश्चित की जायेगी।


17.4 जनपदों के मध्य कन्टेन्मेन्ट जोन की सूची दैनिक आधार पर बनाते हुये साझा की जायेगी ताकि ऐसे स्थानों से व्यक्तियों का आवागमन प्रतिबंधित किया जाय



18. समन्वय अधिकारी (Liaison Officer)/ वाहन चालक हेतु मानक परिचालन दिशा-निर्देश



18.1 समस्त समन्वय अधिकारियों एवं वाहन चालकों द्वारा यह सुनिश्चित किया जायेगा कि आवागमन से पूर्व में एवं बाद में इस्तेमाल हो रही बसों को सैनेटाईज किया गया है तथा कार्मिकों को प्रशिक्षित किया गया है तथा यात्रा में प्रत्येक रूकने वाले स्थानों पर भी यही प्रक्रिया की गयी है। आवागमन से पूर्व सभी कार्मिकों को इस सम्बन्ध में विस्तार पूर्वक बताया जायेगा।


18.2 यदि किसी राज्य में किसी भी व्यक्ति में COVID-19के लक्षण परिलक्षित होते है तो सम्बन्धित समन्वय अधिकारी/वाहन चालकों द्वारा उसी राज्य में उक्त व्यक्ति के उपचार की व्यवस्था की जायें। यह समस्त व्यवस्थायें उस राज्य के सम्बन्धित नोडल अधिकारी के साथ समन्वय स्थापित करते हुये सुनिश्चित की जायेगी तथा व्यक्ति के स्वस्थ होने के उपरान्त उसकी उत्तराखण्ड राज्य में वापसी के लिये समस्त आवश्यक व्यवस्थाओं को सुनिश्चित किया जायेगा।


18.3 यात्रा के दौरान समस्त समन्वय अधिकारियों/ वाहन चालकों द्वारा फेस मॉस्क की उपलब्धता, सैनेटाईजेशन तथा सामाजिक दूरी के अनुपालन को सुनिश्चित किया जायेगा


18.4 प्रत्येक बस हेतु नामित समन्वय अधिकारी/वाहन चालकों द्वारा यह सुनिश्चित किया जायेगा कि प्रत्येक बस में सम्बन्धित जिलों द्वारा जारी किया गया ई-पास जिसमें प्रस्थान का स्थान तथा आगमन का स्थान स्पष्ट रूप से यात्रा प्लान के साथ उपलब्ध है।


18.5 समस्त समन्वय अधिकारी/वाहन चालकों द्वारा यह सुनिश्चित किया जायेगा कि आवागमन हेतु निर्धारित बसों में COVID-19से सम्बन्धित जन-जागरूकता हेतु "क्या करें क्या न करें" स्पष्ट रूप से अंकित है।


18.6 समस्त समन्वय अधिकारी/वाहन चालकोंद्वारा यह सुनिश्चित किया जायेगाकि प्रत्येक यात्री के मोबाइल फोन पर 'आरोग्य सेतु ऐप डॉउनलोड किया गया है।


18.7 समन्वय अधिकारी (Liaison Officer)/वाहन चालकों द्वारा सभी बसों में समुचित यात्रा में सूखे मेवे, पेयजल, मास्क तथा सैनेटाइजर की उचित व्यवस्था की जायेगी।


18.8 अर्न्तराज्यीय आवागमन हेतु उपयोग में लाये जाने वाले वाहनों में आशिक परिर्वतन करते हुये पारदर्शक पॉलीशीट से ड्राईवर कैबिन को पृथक किया जायेगा, ताकि सम्बन्धित समन्वय अधिकारियों/वाहन चालकों को सुरक्षित किया जा सके


18.9 सम्बन्धित जनपद में वापसी के उपरान्त समन्वय अधिकारियों/वाहन चालकोंतथा परिवहन विभाग के अन्य कर्मचारियों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित टीम के द्वारा दिये गये सुझावों के आधार पर एक निश्चित समयावधि के लिये चिन्हित उचित होटल अथवा सुविधा में क्वारनटाइन किया जायेगा